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खानपान सुधरने से बैक्टीरिया का खतरा घटा, आबोहवा में बदलाव दे रहा वायरस को न्योता

locationभीलवाड़ाPublished: Dec 30, 2021 12:43:43 pm

Submitted by:

jaiprakash singh

बदलती जीवन शैली- वैश्वीकरण से फैल रही महामारी पिछले एक दशक में वायरस जनित रोगों ने कहर बरपाया डेंगू के बाद अब ओमिक्रन से लोग दहशत में जयप्रकाश सिंह Improvement in food reduces the risk of bacteria, inviting viruses to change the climate भीलवाड़ा। इसे आधुनिक जीवन शैली या वैश्वीकरण का परिणाम कहे, पिछले कुछ सालों में बैक्टीरिया जनित रोगों के बजाय वायरस जनित रोगों ने दुनियाभर में कोहराम मचा रखा है। दो साल से महामारी बने कोरोना से पूरी दुनिया त्राहि-त्राहि कर रही है। कोरोना से पहले पिछले एक दशक में

खानपान सुधरने से बैक्टीरिया का खतरा घटा, आबोहवा में बदलाव दे रहा वायरस को न्योता

खानपान सुधरने से बैक्टीरिया का खतरा घटा, आबोहवा में बदलाव दे रहा वायरस को न्योता

जयप्रकाश सिंह
Improvement in food reduces the risk of bacteria, inviting viruses to change the climate भीलवाड़ा। इसे आधुनिक जीवन शैली या वैश्वीकरण का परिणाम कहे, पिछले कुछ सालों में बैक्टीरिया जनित रोगों के बजाय वायरस जनित रोगों ने दुनियाभर में कोहराम मचा रखा है। दो साल से महामारी बने कोरोना से पूरी दुनिया त्राहि-त्राहि कर रही है। कोरोना से पहले पिछले एक दशक में प्रदेश और देश में डेंगू, स्वाइन फ्लू और चिकनगुनिया Dengue, Swine Flu and Chikungunya जैसी वायरस जनित बीमारियों ने कहर बरपाया। इन बीमारियों से हजारों लोगों की मौत हो गई। अब भीलवाड़ा समेत पूरे प्रदेश में जहां ओमिक्रोन वायरस ने दस्तक दे दी है, वहीं कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
पशुओं से मनुष्य में फैला

वायरसजनित रोगों के बारे चिकित्सा विशेषज्ञों से बात की तो इसके फैलने के कई कारण सामने आए। इनमें से कुछ रोग जूनोसिस या जूनोटिक डिजीज की श्रेणी में आते है, जो पहले पशुओं में होते थे। इनसे ये मनुष्य में स्थानान्तरित हो गए। अर्थात ये पशुओं के जरिए मनुष्य में फैल गई।
आरएनए श्रेणी के वायरस
Improvement in food reduces the risk of bacteria, inviting viruses to change the climate स्वाइन फ्लू, कोरोना के वायरस आरएनए की श्रेणी में आते है। राइबो न्यूक्लिक एसिड एक तरह का न्यूक्लिक एसिड होता है, जो सीधे प्रोटीन संश्लेषण में शामिल होता है। यह बार-बार अपना रूप बदलता है। इसे जैसे ही मौका मिलता है, यह शरीर पर हमला कर देता है। यहीं कारण है कि कोरोना के लगातार नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं।
तेजी से शहरीकरण, जीवन शैली
वायरस जनित रोगों के फैलने के पीछे आधुनिक जीवन शैली और तेजी से हो रहे शहरीकरण को बड़ा कारण माना जा रहा है। इसके अलावा पर्यावरण में बदलाव, प्राकृतिक आपदा भी कारण है। चिकित्सकों के अनुसार बैक्टीरिया जनित रोग दूषित खाने और पानी से फैलते हैं इसका मुख्य कारण आपस में मिलना-जुलना है। अब लोगों का भोजन Dengue, Swine Flu and Chikungunya और पानी हाइजैनिक होने के कारण बैक्टीरियल बीमारियां कम होती जा रही है, लेकिन अधिकांशत: वायरसजनित रोग हवा से फैलता है। यह श्वांस के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। इनमें कोरोना और स्वाइन फ्लू सबसे ज्यादा है।
लोगों का आवागमन बढ़ा

Improvement in food reduces the risk of bacteria, inviting viruses to change the climate चिकित्सकों के अनुसार हवाई, रेल और सड़क कनेक्टिीविटी अच्छी होने से दुनिया भर में लोगों का आवागमन बढ़ा है। ऐसे में जिन शहरों और देशों में बीमारियां तेजी से फैली, उन देशों से आए लोगों ने खुद के साथ अपने संपर्क में आने वाले लोगों को भी संक्रमित किया। कोरोना के पूरे विश्व में महामारी बनने का प्रमुख कारण भी एक देश से दूसरे देशों में लोगों को मूवमेंट रहा।
इनडोर एक्टीविटी बढ़ी
वर्तमान में आउटडोर के बजाय इनडोर गतिविधियां बढ़ गई है। अब अधिकांश लोग अपने कार्य खुले में करने के बजाय बंद कमरों और भवनों में कर रहे हैं, जिसमें ऑफिस वर्क, स्कूल-कालेज, कोचिंग शामिल है।Dengue, Swine Flu and Chikungunya खुले स्थान के बजाय इन जगहों पर वेंटीलेशन कम होने से हवा के जरिए वायरस का संक्रमण बढ़ जाता है। ऐसे में इन जगहों पर संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा रहती है।
साफ पानी से पनपे मच्छर
डेंगू और चिकनगुनिया एडिज मच्छर के वायरस से फैलता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। ऐसी कॉलोनियां जहां निर्माण कार्य चल रहा है। जहां खाली भूखण्डों पर पानी भरा हुआ है। घरों में बर्तन, कूलर, टंकियों में यदि पानी भरा रहता है तो यह मच्छर पनपता है। यदि ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं हो तो भी पानी भरने की समस्या रहती है। ऐसे में पिछले कुछ सालों में शहरों में चिकनगुनिया और डेंगू के मामले बढ़े। चिकित्सकों के अनुसार इस साल मानसून के बाद प्रदेश के शहरी इलाके में डेंगू के मामले ज्यादा आए, वहीं गांवों में स्क्रब टाइफस रोग ज्यादा देखने को मिला।
” पिछले कुछ समय में वायरस जनित रोग ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। इसके लिए लोगों की जीवन शैली, शहरों का आधुनिकरण भी बड़ा कारण है। लोगों की इंडोर एक्टिीविटी बढ़ गई है। ऐसे में पूअर वेंटीलेशन की वजह से भी कोरोना -स्वाइन फ्लू जैसे रोग फैलते है। साफ पानी में मच्छर पनपने से डेंगू, चिकनगुनिया रोग हो रहे है।
– डा. मनोज सलूजा, सीनियर प्रोफेसर मेडिसिन, कोटा मेडिकल कालेज
” वायरस जनित रोगों के फैलने के कई कारण है, इनमें पर्यावरण और मानवीय कारण शामिल है। हमारा रहन-सहन, खान पान और जीवन शैली बदली है। ऐसे में एहतियात बदलने और निर्धारित गाइडलाइन की पालना से संक्रमण से बचा जा सकता है। लोगों को मॉस्क, सोशल डिस्टेंसिंग और नियमित हाथ साफ रखने की आदत डालनी होगी
– डा.अरूण गौड़, अधीक्षक़ एमजीएच अस्पताल, भीलवाड़ा
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