Improvement in food reduces the risk of bacteria, inviting viruses to change the climate स्वाइन फ्लू, कोरोना के वायरस आरएनए की श्रेणी में आते है। राइबो न्यूक्लिक एसिड एक तरह का न्यूक्लिक एसिड होता है, जो सीधे प्रोटीन संश्लेषण में शामिल होता है। यह बार-बार अपना रूप बदलता है। इसे जैसे ही मौका मिलता है, यह शरीर पर हमला कर देता है। यहीं कारण है कि कोरोना के लगातार नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं।
वायरस जनित रोगों के फैलने के पीछे आधुनिक जीवन शैली और तेजी से हो रहे शहरीकरण को बड़ा कारण माना जा रहा है। इसके अलावा पर्यावरण में बदलाव, प्राकृतिक आपदा भी कारण है। चिकित्सकों के अनुसार बैक्टीरिया जनित रोग दूषित खाने और पानी से फैलते हैं इसका मुख्य कारण आपस में मिलना-जुलना है। अब लोगों का भोजन Dengue, Swine Flu and Chikungunya और पानी हाइजैनिक होने के कारण बैक्टीरियल बीमारियां कम होती जा रही है, लेकिन अधिकांशत: वायरसजनित रोग हवा से फैलता है। यह श्वांस के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। इनमें कोरोना और स्वाइन फ्लू सबसे ज्यादा है।
वर्तमान में आउटडोर के बजाय इनडोर गतिविधियां बढ़ गई है। अब अधिकांश लोग अपने कार्य खुले में करने के बजाय बंद कमरों और भवनों में कर रहे हैं, जिसमें ऑफिस वर्क, स्कूल-कालेज, कोचिंग शामिल है।Dengue, Swine Flu and Chikungunya खुले स्थान के बजाय इन जगहों पर वेंटीलेशन कम होने से हवा के जरिए वायरस का संक्रमण बढ़ जाता है। ऐसे में इन जगहों पर संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा रहती है।
डेंगू और चिकनगुनिया एडिज मच्छर के वायरस से फैलता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। ऐसी कॉलोनियां जहां निर्माण कार्य चल रहा है। जहां खाली भूखण्डों पर पानी भरा हुआ है। घरों में बर्तन, कूलर, टंकियों में यदि पानी भरा रहता है तो यह मच्छर पनपता है। यदि ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं हो तो भी पानी भरने की समस्या रहती है। ऐसे में पिछले कुछ सालों में शहरों में चिकनगुनिया और डेंगू के मामले बढ़े। चिकित्सकों के अनुसार इस साल मानसून के बाद प्रदेश के शहरी इलाके में डेंगू के मामले ज्यादा आए, वहीं गांवों में स्क्रब टाइफस रोग ज्यादा देखने को मिला।
– डा. मनोज सलूजा, सीनियर प्रोफेसर मेडिसिन, कोटा मेडिकल कालेज
– डा.अरूण गौड़, अधीक्षक़ एमजीएच अस्पताल, भीलवाड़ा