scriptटेक्सटाइल नीति के अभाव में हमारा टेक्सटाइल उद्योग पिछड़ा | In the absence of textile policy, our textile industry is backward | Patrika News

टेक्सटाइल नीति के अभाव में हमारा टेक्सटाइल उद्योग पिछड़ा

locationभीलवाड़ाPublished: Oct 22, 2019 07:49:10 pm

Submitted by:

Suresh Jain

जयपुर में बैठक: उद्योग मंत्री मीणा को मेवाड़ चेम्बर ने दिए सुझाव, बताई समस्याएं

 परसादी लाल मीणा

parsadilal meena

भीलवाड़ा।
Textile industry राजस्थान का टेक्सटाइल उद्योग अन्य राज्यों से काफी पिछड़ा है। एक साल से राज्य में कपड़ा नीति नहीं होने से कारोबारी मध्यप्रदेश जा रहे है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश आदि अपने उद्यमियों को आकर्षित करने के प्रयास कर रहे हैं और विशेष टेक्सटाइल नीति बनाई है। राजस्थान को भी इन राज्यों के समान टेक्सटाइल उद्योग के विकास पर खास ध्यान देना होगा। प्रदेश में कपड़ा कारोबार में काफी संभावनाएं हैं। यहां 40 स्पिनिंग मिलों में 20 लाख स्पिण्डल है। पावरलूम क्षेत्र में 22 हजार लूम है।

Textile industry यह बात मेवाड़ चेम्बर के महासचिव आरके जैन ने मंगलवार को जयपुर में उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में कही। नई टेक्सटाइल नीति बनाने को लेकर हुई बैठक में चेम्बर अध्यक्ष जेके बागडोदिया तथा भीलवाड़ा टेक्सटाइल टे्रड फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल शर्मा व प्रेमस्वरूप गर्ग शामिल हुए।
जैन के अनुसार, चेम्बर के अधिकांश सुझाव नई नीति के ड्राफ्ट में शामिल किया गया। चेम्बर ने 25 लाख से अधिक की लागत के नए उद्योग लगाने या विस्तार का सुझाव दिया। कारोबारियों ने उद्योग मंत्री मीणा को पड़ोसी राज्यों की ओर से व्यापारियों को पंूजी व ब्याज अनुदान, सस्ती बिजली आदि छूट की जानकारी दी। प्रतिनिधियों ने मुम्बर्ई- दिल्ली फे्र ट कॉरिडोर से जोडऩे के लिए भीलवाडा से किशनगढ तक अलग रेलमार्ग बनाने, भीलवाड़ा में रेलवे फ्र ेट टर्मिनल एवं रेडीमेड गारमेन्ट व सेरेमिक कलस्टर, उद्योगों के लिए नेशनल हाईवे एवं राज्यमार्गो के समीप भूमि विकसित करने की मांग की।
यह सुझाव भी दिए
10 करोड़ की लागत तक 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान
20 करोड़ की लागत तक 6 प्रतिशत ब्याज अनुदान
20 करोड़ से अधिक एवं टेक्निकल टेक्सटाइल में 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान
जीरो डिस्चार्ज प्लांट पर 90 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान
कच्चे माल पर चुकाए जीएसटी 50 प्रतिशत तक रिफंड
टेक्सटाइल एवं अन्य उद्योगों को 10 से 40 प्रतिशत तक पूंजीगत अनुदान
नए रोजगार सृजन पर प्रति श्रमिक 5 हजार रुपए प्रतिमाह 7 वर्ष तक अनुदान
निर्यातकों को 20 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान के साथ बंदरगाहों से दूरी देखते नर्यात माल बन्दरगाह तक भेजने पर 3 रुपए किलो भाड़ा अनुदान।
टेक्सटाइल उद्योग को विद्युत दरों में 2 से 3 रुपए प्रति यूनिट की विशेष छूट दी जाए।
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