भीलवाड़ा

अर्पित कोरोना संकट में जरूरतमंदों के बने हमदर्द

In the Corona crisis, the arpit made of the needy in bhilwara वस्त्रनगरी में कोरोना महामारी से हालात विकट होने एवं ऑक्सीजन के अभाव में जिन्दगियों के दम तोडऩे की खबर से गुरुग्राम (गुडगांव) में भीलवाड़ा के शास्त्रीनगर निवासी अर्पित जैन मदद को आगे आए है। अर्पित ने गुरुग्राम से मदद की राह खोली और 23 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर भिजवाए। इनकी कीमत करीब पन्द्रह लाख रुपए है।

भीलवाड़ाMay 16, 2021 / 11:34 am

Narendra Kumar Verma

In the Corona crisis, the arpit made of the needy

भीलवाड़ा। वस्त्रनगरी में कोरोना महामारी से हालात विकट होने एवं ऑक्सीजन के अभाव में जिन्दगियों के दम तोडऩे की खबर से गुरुग्राम (गुडगांव) में भीलवाड़ा के शास्त्रीनगर निवासी अर्पित जैन चिंतित हो उठे और अब मदद को आगे आए है। राजस्थान पत्रिका से शहर एवं जिले के हाल जाने, अपने पापा जल संसाधन विभाग के रिटायर्ड अधीक्षण अभियंता वीके जैन- मां सुशीला जैन के साथ मिल कर महात्मा गांधी राजकीय चिकित्सालय को और मजबूत करने की ठानी। इसके बाद अर्पित ने गुरुग्राम से मदद की राह खोली और 23 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर भिजवाए। इनकी कीमत करीब पन्द्रह लाख रुपए है।
शास्त्रीनगर निवासी वीके जैन ने बताया कि पुत्र अर्पित जैन गुरुग्राम स्थित आर्टेमिस कार्डिएक केयर में सीईओ है। कोरोना महामारी की भीलवाड़ा में दूसरी लहर घातक होने की स्थिति जान कर वह चिंतित हो उठा। महात्मा गांधी राजकीय चिकित्सालय भीलवाड़ा में ऑक्सीजन से जुड़े चिकित्सकीय उपकरणों की कमी एवं रोगियों व परिजनों को हो रही परेशानी को दूर करने की ठानी। In the Corona crisis, the arpit made of the needy in bhilwara
पत्रिका ने दिखाई राह

राजस्थान पत्रिका ने प्रेरित किया, अर्पित ने जिला कलक्टर और सीएमएचओ से वीडियो कॉलिंग के जरिए मदद करने की बात कही। प्रशासन की सहमति के बाद उसने 23 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की पहली खेप भीलवाड़ा के लिए रवाना कर दी। यह 23 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर एमजीएच को मिलेंगे। जैन ने बताया कि भीलवाड़ा में अन्य चिकित्सा उपकरणों की कमी ना आए, इसके लिए भी अर्पित व उनके साथी मदद को तत्पर है।
समर्थ लोग मदद के लिए आगे आए

अर्पित का कहना है कि महात्मा गांधी राजकीय चिकित्सालय जिले की २५ लाख की आबादी का सबसे बड़ा भरोसा है, यहां ठीक होने की उम्मीद में दूर दराज से लोग आते है, उनका विश्वास कमजोर नहीं हो, इस लिए यहां किसी भी प्रकार की कमी नहीं आनी देनी चाहिए। चिकित्सालय को अधिक सम्बल मिलें, इसके लिए समर्थ लोगों को भी मदद के लिए आगे आना चाहिए, जिससे अधिक से अधिक जिन्दगी बचाई जा सके।
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