महंत गोपाल लाल पाराशर ने बताया कि यहां कुंड के बीच जाने के लिए सुंदर पुलिया का निर्माण करवाया गया है तथा उनके मध्य में एक और कुंड यानि बावड़ी है। इसके सम्मुख एक संगमरमर से गंगा माता मंदिर बना हुआ है। इस पर चलने वाले से फ ुव्वारों से यहां की छंटा अद्भुत होती हैं। पुलिया की सढियों के दोनों तरफ छतरिया है।
शिव परिवार छतरी में विराजमान है शिव मंदिर का दुर्लभ शिव परिवार छतरी में विराजमान है। यहां अन्नपूर्णा का मंदिर, तोरण द्वार,शनि मंदिर, विष्णु भगवान का मंदिर, गणेश मंदिर, महाकाल मंदिर, सूर्य मंदिर है। यहां मंदिर में भगवान शंकर की एक ***** के रूप में पूजा होती हैं यहां स्थापित शिव व पार्वती की मूर्तियां आदि काल से स्थापित है। तिलस्वा महादेव में मंगला आरती दर्शन सुबह चार बजे, राज आरती दर्शन सुबह नौ बजे, राज भोग सुबह ग्यारह बजे व संध्या आरती दर्शन सूर्यास्त पर होती है।