सोलर प्लांट के नए ड्राफ्ट पर औद्योगिक इकाइयों को एतराज
राजस्थान विद्युत नियामक आयोग ने जारी किया नया ड्राफ्ट

भीलवाड़ा।
सोलर पावर प्लांट कम करने के लिए राजस्थान विद्युत नियामक आयोग के जारी नए ड्राफ्ट पर विभिन्न औद्योगिक संगठनों ने आपत्तियां दर्ज कराई है। औद्योगिक संगठनों का कहना है कि नया ड्राफ्ट थर्मल प्लांट व डिस्कॉम को बचाने के लिए जारी किया है, लेकिन इससे उद्योगों की कमर टूट जाएगी।
मेवाड़ चेम्बर ने कहा कि नए ड्राफ्ट के तहत 10 किलोवाट तक के एलटी एवं घरेलू उपभोक्ताओं को छोड़कर उद्योग व अन्य संस्थानों में लगे रुफटॉप सोलर पावर सिस्टम के तहत नेट मीटरिंग व्यवस्था बन्द कर दी गई, जिस पर कड़ा विरोध जताया है।
चेम्बर महासचिव आरके जैन ने बताया कि आयोग को लिखा है कि ऐसा करना केन्द्र व राज्य सरकार की सोलर ऊर्जा नीति तथा प्रधानमंत्री के 2025 तक कार्बन डिस्चार्ज को कम करने के वादे के विरुद्ध होगा।
उद्यमियों का मानना है कि यह नया ड्राफ्ट घाटे में जा रहे वितरण निगमों को बचाने के लिए बनाया है। केन्द्रीय ऊर्जामंत्री ने अपने ट्वीट में इस बात को स्वीकार किया है। रीको एरिया में ८० से अधिक वीविंग इकाइयों के साथ भीलवाडा में लगभग 150 इकाइयों में रुफटॉप सोलर प्लान्ट लगे है। लगभग 20 इकाईयों में काम चल रहा है। सोलर ऊर्जा से डिस्कॉम से विद्युत लेना कम होकर बिल भी कम के बन रहे है, जिसके कारण डिस्कॉम संकट में है।
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