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किसानों की इच्छा पर होगा फसलों का बीमा

locationभीलवाड़ाPublished: Jun 02, 2020 10:46:44 am

Submitted by:

Suresh Jain

– बैंकों को लिखकर देना होगा – पहले ऋण लेने वाले किसानों को था अनिवार्य- अब ऋणी व गैर ऋणी किसानों के लिए किया स्वैच्छिक

Insurance of crops will be done at the will of farmers in bhilwara

Insurance of crops will be done at the will of farmers in bhilwara

भीलवाड़ा .

प्राकृतिक आपदा और रोग की वजह से फसल में होने वाले नुकसान से किसानों को राहत दिलाने के लिए संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सरकार ने बदलाव कर दिया। सरकार ने योजना को अब ऐच्छिक कर दिया। यानी अब किसान अपनी मर्जी से फसलों का बीमा करा सकेंगे। कम्पनी की ओर से किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं होगा। अभी तक ऋणी किसानों पर ही योजना अनिवार्य रूप से लागू थी, लेकिन सरकार की ओर से किए निर्णय के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को अब ऐच्छिक कर दिया। ऐसे में जो किसान फसल का बीमा नहीं कराना चाहेंगे वह बैंक में इस बारे में प्रपत्र भरकर आवेदन करना होगा।
कृषि विभाग के अनुसार जिले में लगभग २ लाख से अधिक किसान है। प्राकृतिक आपदा के दौरान फसल के नष्ट होने या कीड़े-रोग के कारण किसानों की फसल में नुकसान हो जाता था। ऐसे में राहत प्रदान करने के लिए करीब चार वर्ष पहले सरकार ने ऋणी व गैर ऋणी किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की थी। जिसमें बदलाव किया गया।
बैंक में लिखकर देना होगा
विभाग के अनुसार फसल बीमा योजना से जुड़ा रहना नहीं चाहने पर किसान को बैंक में निर्धारित प्रपत्र में लिखकर देना होगा। ऐसा नहीं करने पर ऋणी किसानों का स्वत: ही बीमा प्रीमियम की कटौती हो जाएगी। यदि कोई किसान रबी की फसल के दौरान फिर से योजना का लाभ लेना चाहेगा तो उसे फिर से बैंक को सूचना देनी होगी। साथ ही किसान की ओर से पहले किसी फसल के लिए ऋण लिया है और वह वास्तव में दूसरी फसल की बुवाई करता है तो ऐसी स्थिति में भी किसान को बैंक में जाकर फसल परिवर्तन की सूचना देनी होगी।
खरीफ फसल से होगी लागू
नई व्यवस्था आगामी खरीफ की फसल से लागू होगी। यदि कोई किसान वर्तमान में बीमा योजना से जुड़ा है और आगामी खरीफ सीजन के लिए फसल बीमा नहीं कराना चाहते है, उन्हें 8 जुलाई तक संबंधित बैंक में जाकर आवेदन करना होगा। इसके लिए 15 जुलाई अंतिम तिथि होगी।
यह थी व्यवस्था
जिन किसानों की ओर से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से बैंकों तथा ग्राम सेवा सहकारी समिति (जीएसएस) की ओर से ऋण दिया जाता है। उसकी फसल का बीमा होता था, शेष किसान ऐच्छिक रूप से ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल होते रहे हैं, लेकिन अभी सभी किसानों को यह स्वैच्छिक किया गया है। किसानो के फसलों के बीमा कराने के लिए अब बीमा कंपनी एक जिले में तीन साल कार्य करेगी। पहले बीमा कंपनी हर जिले में फसल के सीजन में बदले जाते थे। ऐसे में अब जो भी बीमा कंपनी आएगी, वह तीन साल तक एक जिले में कार्य करेगी।
किसान को ८ जुलाई तक करना होगा आवेदन
सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को अब ऐच्छिक कर दिया। पहले ऋणी किसानों के लिए बीमा योजना अनिवार्य थी, जबकि गैर ऋणी के लिए स्वैच्छिक थी। अब दोनों के ही स्वैच्छिक कर दिया है। जो किसान योजना से जुड़ा नहीं रहना चाहते है, वह बैंक में आवेदन कर सकेंगे। आगामी खरीफ सीजन के लिए 8 जुलाई तक आवेदन करना होगा।
रामपाल खटीक, कृषि उप निदेशक (विस्तार)
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