scriptतीन हजार में बिगड़ गई नीयत, भतीजा ही निकला चोरी का सूत्रधार | Intention deteriorated in three thousand, nephew turned out to be the | Patrika News

तीन हजार में बिगड़ गई नीयत, भतीजा ही निकला चोरी का सूत्रधार

locationभीलवाड़ाPublished: Aug 03, 2021 11:08:07 pm

Submitted by:

Akash Mathur

आसींद थाना पुलिस ने खेत से सवा तीन माह पूर्व लाखों का लोहे के सरिया चुराने के मामले का मंगलवार रात को खुलासा कर दिया। परिवादी के भतीजे और रिश्तेदार ने मिलकर वारदात की साजिश रची। पुलिस ने भतीजे समेत पांच जनों को गिरफ्तार कर लिया। वारदात में शामिल दो जनों को तलाश की जा रही है।

Intention deteriorated in three thousand, nephew turned out to be the

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भीलवाड़ा. आसींद थाना पुलिस ने खेत से सवा तीन माह पूर्व लाखों का लोहे के सरिया चुराने के मामले का मंगलवार रात को खुलासा कर दिया। परिवादी के भतीजे और रिश्तेदार ने मिलकर वारदात की साजिश रची। पुलिस ने भतीजे समेत पांच जनों को गिरफ्तार कर लिया। वारदात में शामिल दो जनों को तलाश की जा रही है।
पुलिस के अनुसार २३ जुलाई २०२१ को खाखरिया का खेड़ा (आसींद) निवासी लादू नाथ ने मामला दर्ज कराया था। परिवादी ने बताया कि उसकी दौलतगढ़ और झालरिया के पास खेत है। परिवादी ने छह माह पूर्व मकान का निर्माण कार्य शुरू करवाया। मकान की छत पर आरसीसी डालने के लिए २० अप्रेल २०२१ को साढ़े पांच टन लोहे का सरिया व निर्माण सामग्री खेत पर रखवाई। इसकी चौकीदारी के लिए जालरिया (आसींद) निवासी महेन्द्र नाथ व दौलतगढ़ निवासी श्रवण बलाई को रखा। २५ अप्रेल की रात ढाई टन सरिया चोरी हो गया। पुलिस ने अनुसंधान में परिवादी का भतीजा खाखरिया खेड़ा (करेड़ा) निवासी बन्ना नाथ योगी व चौकीदार महेन्द्र नाथ इसमें शािमल पाया। पुलिस ने भतीजे खाखरिया खेड़ा (करेड़ा) निवासी बन्ना नाथ योगी समेत झाकरा (राजसमंद) निवासी दीपक उर्फ रोहित गुर्जर, गणेशपुरा (करेड़ा) नि वासी मीठू गुर्जर, नाथूलाल गुर्जर तथा बागड़ी (पारोली) निवासी कन्हैयालाल गुर्जर को गिरफ्तार किया जबकि परिवादी का रिश्तेदार जालरिया (आसींद) निवासी रोशन नाथ योगी और चौकीदार महेन्द्र नाथ फरार चल रहे है। जिनकी तलाश की जा रही है।
तीन हजार में डोली नीयत
पूछताछ में सामने आया कि भतीजे बन्नालाल ने चौकीदार महेन्द्र के साथ साजिश को अंजाम दिया। रात में चौकीदारी के लिए नहीं आने के लिए महेन्द्र को तीन हजार रुपए का बन्नालाल ने लालच दिया। इसी लालच में महेन्द्र की नीयत डोल गई। वारदात की रात महेन्द्र चौकीदारी के लिए नहीं आया ना ही श्रवण को आने दिया।
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