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पानी में ही नहीं सुरक्षित जलपरियां, काला लील रहा जान

locationभीलवाड़ाPublished: Jul 19, 2019 12:33:11 pm

चित्तौड़ रोड स्थित प्रोसेस हाउस के छोड़े रसायनयुक्त पानी (black water ) से गुवारड़ी मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्र में 70 लाख मत्स्य बीज नष्ट हो गए। केन्द्र की दो नर्सरी खराब हो गई और बोरवेल भी काला पानी छोडऩे लगा। जानकारी पर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की टीम पहुंची और नाले से आए पानी के नमूने लिए।

jal pari is now not safe in water, black is still alive

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नरेन्द्र वर्मा
भीलवाड़ा. चित्तौड़ रोड स्थित प्रोसेस हाउस (prosses house) के छोड़े रसायनयुक्त पानी (काला पानी) से गुवारड़ी मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्र में ७० लाख मत्स्य बीज नष्ट हो गए। केन्द्र की दो नर्सरी खराब हो गई और बोरवेल भी काला पानी छोडऩे लगा। जानकारी पर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की टीम पहुंची और नाले से आए पानी के नमूने लिए।
बारिश शुरू होने के साथ ही चित्तौड़ रोड के प्रोसेस हाउसेज की ओर से चोरी छिपे काला पानी छोडऩे की शिकायत क्षेत्र के गांवों के लोग करते हैं। इस बार जिला मत्स्य विकास अधिकारी डॉ. अनिल जोशी ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल से शिकायत की कि एक प्रोसेस हाउस ने १५ जुलाई को रसायनिक पानी नाले में छोड़ा। ये नाला गुवारड़ी बांध के पेटां क्षेत्र स्थित गुवारड़ी मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्र की नर्सरी (टैंक) में पहुंच रहा है।
दो नर्सरी को भारी नुकसान

काले पानी (black water) से प्रजनन केन्द्र की दो नर्सरी के ७० लाख मत्स्य बीज नष्ट हो गए। एक नर्सरी के बोरवेल से भी काला पानी निकलने लगा। काले पानी से मिट्टी की गुणवत्ता लगातार घट रही है एवं पीएच भी कम हो गया। काले पानी से उत्पादन केन्द्र पर मत्स्य प्रजनन व उत्पादन खतरे में है। इससे राजस्व हानि के साथ ही फार्म की कार्यक्षमता पर भी विपरीत असर पड़ा है।
टीम ने लिए नमूने
शिकायत के बाद प्रदूषण (poluation) मंडल के वरिष्ठ वैज्ञानिक महेश कुमार सिंह की टीम ने प्रोसेस हाउस के पिछवाड़े के नाले से छोड़े जा रहे पानी के नमूने लिए। मण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी राजीव पारीक ने बताया, शिकायत पर तुरंत पहुंचे और प्रोसेस हाउस के संचालक को पाबंद कराया। नमूनों को प्रयोगशाला भिजवाया है।
रसायनयुक्त पानी की आवक जारी

प्रोसेस हाउस से छोड़ काले पानी से गुवारड़ी बांध के गुवारड़ी मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्र (fishering department) को काफी नुकसान (loss) पहुंचा। दो करोड़ मत्स्य बीजों (fish seed) में से 70 लाख बीज (seed) नष्ट हो गए। इसकी शिकायत (campalain) प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को की है, लेकिन रसायन युक्त पानी (polatuted water) की आवक अभी भी नाले के जरिए हो रही है।
डॉ.अनिल जोशी, जिला मत्स्य विकास अधिकारी

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