READ: बहुमत कांग्रेस का और सरकार ने विपक्ष के पार्षद को बना दिया चेयरमैन इसमें विवादित आराजियात पर न्यायिक निर्णय आने तक इस जमीन को धारा 145 की कार्रवाई करते तुरंत रिसीवरी में लेने, आबादी भूमि पर बने पक्के मकान तोडऩे के समस्त आरोपी गिरफ्तार करने, उसी स्थान पर मकान बनाकर देने तथा इतने दिनों से सड़क पर रहने को मजबूर रहे पीडि़त दलितों को मुआवजा दिया जाए, मकान उसी जगह पर बनाकर दिए जाए तथा इसका संपूर्ण खर्च नामजद आरोपियों से वसूला जाए। उन्होंने प्रशासन को 15 दिन का समय इस समस्या के निस्तारण के लिए दिया है। अगर इस समय सीमा में पीडि़तों को राहत नहीं दी जाती है तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
READ: सौ रुपए का विवाद, दुकान में घुसकर संचालक से फिल्मी स्टाइल में मारपीट सभा को राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष लाड कुमारी जैन, पीयूसीएल भीलवाड़ा की अध्यक्ष तारा अहलुवालिया, देबीलाल मेघवंशी, डालचंद रेगर, महिला मंच राजसमंद की अध्यक्ष शकुन्तला पामेचा, ह्युमन राइटस लॉ नेटवर्क के प्रदेश समन्वयक एडवोकेट ताराचंद वर्मा, मेघवंशी युवा परिषद् के जिलाध्यक्ष शंकर लाल मेघवंशी, प्रभारी प्रभु मेघवंशी, पूरणनाथ कालबेलिया, जगदीश चौहान, मेघरास सरपंच कैलाश मेघवंशी,
अशोक गहलोत माण्डल, जगदीश भील, रेगर महासभा के जिलाध्यक्ष कैलाश दैतवाल, आलमास सरपंच प्रभु मेघवंशी, भवानीराम रेगर, मथुरालाल खटीक, बाबूलाल खटीक आदि उपस्थित थे।
करेड़ा मामले में ज्ञापन मिला है। प्रशासन ने पहले भी टीम भेजी थी। जनप्रतिनिधि भी बातचीत कर रहे हैं। जो भी विवाद है, उसका निस्तारण करने का प्रयास किया जा रहा है। मुक्तानंद अग्रवाल, जिला कलक्टर