कटारिया ने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर कटाक्ष किया। कहा कि चिंतन शिविर के नाम पर देश के आला कांग्रेसी नेता मेवाड़ की धरा उदयपुर में जुटे। तीन दिन मौज-मस्ती में निकाल दिए। नाहर-चीते देखने का लुत्फ उठाया लेकिन देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले महाराणा प्रताप को ही भूल गए। महाराणा प्रताप को माला तक नहीं पहनाई। एक दीपक तक कांग्रेसियों ने नहीं जलाया। कांग्रेस तुष्टिकरण को बढ़ावा दे रही है। इस कारण कांग्रेस का सफाया हो रहा। उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज की भी सराहना की।
कटारिया ने कहा कि अन्याय के खिलाफ आंदोलन भीलवाड़ा तक सीमित नहीं रहेगा। यह मेवाड़ का आंदोलन बनाना चाहिए। सोमवार से हर संभाग के हर जिला मुख्यालय पर धरना शुरू होना चाहिए। ताकि पुलिस व प्रशासन को गलत करने का सबक मिल सकें। विधायक विठलशंकर अवस्थी, जब्बरसिंह सांखला, गोपाल खंडेलवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष लादूलाल तेली, सभापति राकेश पाठक, कालूलाल गुर्जर, बद्री प्रसाद गुरूजी, गणेश प्रजापत, दामोदरअग्रवाल, सुभाष बाहेती आदि माैजूद थे।
1. एफआईआर में नाम था। घर से उठाया। थाने लाकर पूछताछ तक नहीं की। रास्ते में छोड़ने से विवाद।
2. परिवादी मयंक के मनगढ़त बयान फाइल में लगा दिए। वह भी उस दिन लिखे जब आदर्श का अंतिम संस्कार हुआ।
3. डीएसपी से जांच लेकर एएसपी को दी। फिर भी नई जांच अधिकारी फाइल में आए साक्ष्य से मामले से जुड़े लोगों को संतुष्ट नहीं कर पाई।
4. कलक्टर और एसपी ने मुआवजे पर सहमति बनाई। पीडि़त परिवार को तेरह दिन बाद भी मुआवजा नहीं दे पाए।