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भीलवाड़ा

Kodamar Holi : भाभियों ने देवरों की पीठ पर बरसाए प्रेम के कोड़े, देंखें शानदार तस्वीरें

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1 year ago
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Kodamar Holi : रंग तेरस पर भीलवाड़ा में जीनगर समाज ने 200 साल पुरानी परम्परा निभाई। भाभियों ने देवरों पर कपड़े से बने कोड़े बरसाए। देवरों ने कहाड़ में भरे रंग वाले पानी से भाभियों को भिगोया। रंगों की बौछार के साथ बरसते प्रेम कोड़ों की अनूठी होली देखने भीलवाड़ावासी उमड़ पड़े।

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महिलाएं जहां कड़ाह की सुरक्षा कर रही थी तो पुरुषों का झुण्ड रंगीन पानी चुराने की कोशिश कर रहा था। महिलाओं व पुरुषों के बीच कश्मकश को देखने बड़ी संख्या में भीलवाड़ावासी जुटे। करीब तीन घंटे चली कोड़ामार होली के दौरान कई बार कड़ाह भरा गया। इस दौरान क्षेत्र की दुकानें बंद रहीं। इससे पहले शहर के सर्राफा बाजार में बड़े मंदिर के पास जिले भर के जीनगर समाज के लोग एकत्र हुए। पुलिस ने भी पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। ड्रोन से नजर रखी गई।

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Kodamar Holi : रंग तेरस पर भीलवाड़ा में जीनगर समाज ने 200 साल पुरानी परम्परा निभाई। भाभियों ने देवरों पर कपड़े से बने कोड़े बरसाए। देवरों ने कहाड़ में भरे रंग वाले पानी से भाभियों को भिगोया। रंगों की बौछार के साथ बरसते प्रेम कोड़ों की अनूठी होली देखने भीलवाड़ावासी उमड़ पड़े।

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Kodamar Holi : रंग तेरस पर भीलवाड़ा में जीनगर समाज ने 200 साल पुरानी परम्परा निभाई। भाभियों ने देवरों पर कपड़े से बने कोड़े बरसाए। देवरों ने कहाड़ में भरे रंग वाले पानी से भाभियों को भिगोया। रंगों की बौछार के साथ बरसते प्रेम कोड़ों की अनूठी होली देखने भीलवाड़ावासी उमड़ पड़े।

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Kodamar Holi : रंग तेरस पर भीलवाड़ा में जीनगर समाज ने 200 साल पुरानी परम्परा निभाई। भाभियों ने देवरों पर कपड़े से बने कोड़े बरसाए। देवरों ने कहाड़ में भरे रंग वाले पानी से भाभियों को भिगोया। रंगों की बौछार के साथ बरसते प्रेम कोड़ों की अनूठी होली देखने भीलवाड़ावासी उमड़ पड़े।

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Kodamar Holi : रंग तेरस पर भीलवाड़ा में जीनगर समाज ने 200 साल पुरानी परम्परा निभाई। भाभियों ने देवरों पर कपड़े से बने कोड़े बरसाए। देवरों ने कहाड़ में भरे रंग वाले पानी से भाभियों को भिगोया। रंगों की बौछार के साथ बरसते प्रेम कोड़ों की अनूठी होली देखने भीलवाड़ावासी उमड़ पड़े।

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Kodamar Holi : रंग तेरस पर भीलवाड़ा में जीनगर समाज ने 200 साल पुरानी परम्परा निभाई। भाभियों ने देवरों पर कपड़े से बने कोड़े बरसाए। देवरों ने कहाड़ में भरे रंग वाले पानी से भाभियों को भिगोया। रंगों की बौछार के साथ बरसते प्रेम कोड़ों की अनूठी होली देखने भीलवाड़ावासी उमड़ पड़े।

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Kodamar Holi : रंगतेरस पर भीलवाड़ा में जीनगर समाज ने 200 साल पुरानी परम्परा निभाई। भाभियों ने देवरों पर कपड़े से बने कोड़े बरसाए। देवरों ने कहाड़ में भरे रंग वाले पानी से भाभियों को भिगोया। रंगों की बौछार के साथ बरसते प्रेम कोड़ों की अनूठी होली देखने भीलवाड़ावासी उमड़ पड़े।

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Kodamar Holi : रंगतेरस पर भीलवाड़ा में जीनगर समाज ने 200 साल पुरानी परम्परा निभाई। भाभियों ने देवरों पर कपड़े से बने कोड़े बरसाए। देवरों ने कहाड़ में भरे रंग वाले पानी से भाभियों को भिगोया। रंगों की बौछार के साथ बरसते प्रेम कोड़ों की अनूठी होली देखने भीलवाड़ावासी उमड़ पड़े।

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Kodamar Holi : रंगतेरस पर भीलवाड़ा में जीनगर समाज ने 200 साल पुरानी परम्परा निभाई। भाभियों ने देवरों पर कपड़े से बने कोड़े बरसाए। देवरों ने कहाड़ में भरे रंग वाले पानी से भाभियों को भिगोया। रंगों की बौछार के साथ बरसते प्रेम कोड़ों की अनूठी होली देखने भीलवाड़ावासी उमड़ पड़े।

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Kanaram Mundiyar

चिकित्सा-शिक्षा, राजनीति, शहरी ढांचागत विकास व आमजन के मुद्दों पर खोजपूर्ण खबरों में खास रूचि। 24 साल से प्रिन्ट, डिजिटल व टीवी पत्रकारिता में समान रूप से सक्रिय। माणक अलंकरण, पंडित झाबरमल्ल स्मृति, वीर दुर्गादास राठौड़ पत्रकारिता पुरस्कार एवं दक्षिण एशियाई लाडली मीडिया अवार्ड से पुरस्कृत। ब्यावर, अजमेर, नागौर, जोधपुर, कोटा व भीलवाड़ा में काम किया। वर्तमान में जयपुर मुख्यालय में समाचार सम्पादक पद पर कार्यरत।
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