scriptचौदह माह में कोरोना से लडऩा सीखा, अब फिर परीक्षा की घड़ी | Learned to fight with Corona, now exam time in bhilwara | Patrika News

चौदह माह में कोरोना से लडऩा सीखा, अब फिर परीक्षा की घड़ी

locationभीलवाड़ाPublished: May 07, 2021 10:37:15 pm

Submitted by:

Suresh Jain

लॉक डाउन 10 मई से

चौदह माह में कोरोना से लडऩा सीखा, अब फिर परीक्षा की घड़ी

चौदह माह में कोरोना से लडऩा सीखा, अब फिर परीक्षा की घड़ी

भीलवाड़ा।
करीब साढ़े तेरह माह बाद भीलवाड़ा फिर लॉकडाउन देखने जा रहा है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में हॉट स्पॉट बने भीलवाड़ा जिले में पिछले साल के मुकाबले इस बार हालात अधिक भयावह है। पहले रोगियों की संख्या बढऩे मात्र से ही अनचाहे भय का माहौल था, लेकिन इस बार रोजाना बढ़ रहे मौत के आंकड़ों ने लोगों को झकझोर दिया है। हालात बहुत ही विकट और पीड़ादायक है। अस्पतालों में बैड नहीं है। ऑक्सीजन, इंजेक्शन और दवाइयों की किल्लत है। बदलते हालातों में लोगों को भी सावधानी बरतने व प्रशासनिक व्यवस्थाओं में सहयोग की जरूरत है।
लॉक डाउन रहेगा कड़ामौजूदा विकट हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने दस मई से लॉक डाउन को लेकर कड़े बंदोबस्त किए है। जिले में कफ्र्यू के दौरान किसी प्रकार की छूट नहीं रहेगी। केवल किराणा, फल, सब्जी, दूध व फल वितरण में ही आंशिक छूट रहेगी। रोडवेज बस सेवा भी पूरी तरह बंद रहेगी और एक जिले से दूसरे जिले में आने जाने पर रोक रहेगी। जिला प्रशासन ने विवाह समारोह को लेकर और सख्ती की है। शादी समारोह घर या कोर्ट में होगी, ग्यारह से अधिक लोग मौजूद मिले तो जुर्माना भी संभव होगा।
प्रवासी लौटने लगे, श्रमिकों का पलायनलॉकडाउन की खबर सुनते ही देश के विभिन्न हिस्सों से आकर जिले में बसे लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के अप्रवासी भीलवाड़ा से लौटने लगे है। पिछले साल भी कई अप्रवासी तो पैदल ही अपने घर लौट आए थे। प्रवासियों को लेकर भी जिला प्रशासन, संबधित उपखंड व पंचायतों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। रेलवे स्टेशन व रोडवेज बस स्टैंड पर पूछताछ व आरक्षण की रफ्तार बढऩे लगी है। परिवहन के साधन बंद होने से पहले ये लोग घर पहुंचना चाहते हैं। टेक्सटाइल उद्योगों में काम करने वाले लोग अधिकांश अन्य राज्यों के है। इनमें बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश व ओडि़शा राज्यों के लोग शामिल हैं। शुक्रवार को रेलवे स्टेशन व रोडवेज बस स्टैंड पर पूछताछ के लिए कतार नजर आई। कई प्रवासी व मजदूर तो परिवार को लेकर रवाना भी हो गए।
आश्रय स्थलों पर जुटने लगी सुविधाएं
प्रवासियों के घर लौटने पर किसी प्रकार की समस्याएं नहीं आएो इसके लिए सिन्थेटिक्स विविंग मिल्स एसोसिएशन समेत अन्य औद्योगिक संगठनों ने राजस्थान पत्रिका के महामारी से मुकाबला अभियान से प्रेरित हो कर मजदूरों के रूकने व खाने की व्यवस्था शुरू कर दी है।

ट्रेंडिंग वीडियो