घर में रंग-रोगन, चौराहे पर कूड़ा दीपावली में एक पखवाड़े का समय बचा है। घर-घर सफाई अभियान का श्रीगणेश हो गया। महिलाएं घर की सफाई में जुटी हैं। कोई रंग-रोगन करवा रहा तो कोई मकान में टूट-फूट को सही करवा रहा है। नगर परिषद भी दीपावली से पहले शहर को स्वच्छ बनाने के लिए अभियान चलाता है। भारी बजट भी होता है। शहर में सफाई कर्मचारियों की विशेष टीम का गठन करके अभियान में झोंका जाता है। लेकिन दीपावली के दिन नजदीक आने के बाद भी सफाई अभियान नजर नहीं आ रहा। नागौरी गार्डन स्थित पशु चिकित्सालय के बाहर, बड़ला चौराहा, सिंधुनगर चौराहा, हरिशेवा धर्मशाला के पीछे समेत शहर के कई प्रमुख चौराहों और मोहल्लों तक में कचरा फैला हुआ है। प्रमुख चौराहों और मार्गों के यह हाल हंै तो गली-मोहल्ले में स्वच्छता का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।
बीमारी झेल रहे लोग, स्वास्थ्य कै से रहे ठीक
पौने दो साल तक लोगों ने कोरोना महामारी को झेला। इसके बाद डेंगू और मौसमी बीमारियों ने घेर रखा है। घर-घर लोग बीमार हैं। एेसे में गंदगी के कारण डेंगू का प्रकोप और बढ़ सकता है। कई जगह कचरे के ढेर के कारण वहां के व्यापारी और राह से गुजरने वाले लोग बदबू से परेशान हैं। मच्छर और मक्खियां भिनभिना रही हैं। एेसे में लोग का स्वास्थ्य ठीक कैसे बना रह सकता है।
कारण: अफसर चैंम्बर ही नहीं छोड़ते शहर में चौपट हो रही सफाई-व्यवस्था का बड़ा कारण निगरानी व्यवस्था का नहीं होना है। जिम्मेदार अफसर चैम्बर नहीं छोड़ते। दिशा-निर्देश देकर इतिश्री करते हैं। कहां कै सी सफाई हो रही। कितने कर्मचारी काम कर रहे। इसको देखा ही नहीं जाता। इससे व्यवस्था बराबर नहीं बन पाती। इसी के चलते शहर में दीपावली से पूर्व सफाई अभियान का बंटाधार हो रहा है।