तीन दिन से परिजन पालड़ी में शव आने का इंतजार कर रहे थे। रोते—राते परिजनों की आंखे पथरा गई थी। जैसे ही शव गांव में पहुंचे तो परिजन बेहाल हो गए। मौके पर मौजूद अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने परिजनों को ढांढस बंधाया। इस मौके पर प्रभारी मंत्री अर्जुनलाल बामनिया, पुलिस उप अधीक्षक राजेश आर्य, एसएचओ सदर कृष्णकुमार, सुभाष नगर थाना अधिकारी अजय कांत सहित प्रशासनिक अधिकारी व कई जनप्रतिनिधि मौके पर मौजूद रहे। सातों शवों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।
हादसे के बाद पालड़ी में सन्नाटा पसरा हुआ था। गांव में हर पल नौ लागों के शव आने का इंतजार है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में शनिवार को ट्रक के खाई में गिरने से पप्पू (40), उसकी पत्नी प्रेमदेवी (35), पुत्र एक माह के रामस्वरूप, घनश्याम (12) व नंदा (8) तथा पुत्री आशा (5) व पायल (3) तथा पप्पू की बहन नंदूदेवी (25) व नंदू के पुत्र तुलसीराम (2) की मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना की जानकारी पर पालड़ी में शनिवार को हाहाकार मच गया। दूसरी तरफ परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने एवं लेह का रास्ता दुष्कर होने से शवों के भीलवाड़ा लाने और मृतकों के अंतिम दर्शन की उम्मीद परिजनों की टूट चुकी थी।
लेह में सड़क हादसे में मृत भीलवाड़ा जिले के पालड़ी निवासी 9 लोगों के शव विमान से लाए जाएंगे। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को सम्बन्धित अफसरों को निर्देश दिए थे। इसके बाद शव विमान से दिल्ली लाए गए वहां से सड़क के रास्ते भीलवाड़ा लाए गए।