भीलवाड़ा

लाइन बंद, फिर भी करंट दौड़ा, विद्युत कर्मी हवा में झूला

Line closed, still the current ran, the electrician swings in the air at bhilwara शहर के तिलकनगर में विद्युत पोल पर लाइन ठीक कर रहे विद्युत कर्मी की करंट से बिगड़ी हालत में तीन दिन बाद भी सुधार नहीं हो सका। घटना के दिन विद्युत कर्मी करीब पन्द्रह मिनट तक वह विद्युत पोल पर ही हवा में अचेत हालत में झूलता रहा।

भीलवाड़ाSep 18, 2021 / 01:10 pm

Narendra Kumar Verma

Line closed, still the current ran, the electrician swings in the air at bhilwara

भीलवाड़ा। शहर के तिलकनगर में विद्युत पोल पर लाइन ठीक कर रहे विद्युत कर्मी की करंट से बिगड़ी हालत में तीन दिन बाद भी सुधार नहीं हो सका। घटना के दिन विद्युत कर्मी करीब पन्द्रह मिनट तक वह विद्युत पोल पर ही हवा में अचेत हालत में झूलता रहा। Line closed, still the current ran, the electrician swings in the air at bhilwara
जानकारी के अनुसार सहायक अभियंता कार्यालय सिटी प्रथम के तकनीकी सहायक दिलखुश मीणा बुधवार दोपहर को तिलकनगर में पीएचईडी फीडर पर टीम के साथ विद्युत लाइन की मरम्मत कर रहा था। इसी दौरान एक विद्युत पोल पर काम करने के दौरान उसमें अचानक करंट प्रवाहित हो गया। करंट का झटका लगते ही वह फिसल गया, लेकिन उसने हिम्मत दिखाई और एक हाथ से तार को पकड़ लिया। इसके बाद उसकी स्थिति अद्र्ध चेतन जैसी हो गई।
एक हाथ झुलसा, टीम रह गई सन्नपोल के आसपास मौजूद अन्य कर्मचारी सन्न रह गए। करीब पन्द्रह मिनट के प्रयास के बाद विद्युत कर्मी को नीचे उतार लिया गया। कर्मी को बाद में निजी अस्पताल व इसके बाद एमजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर उसे जयपुर के एसएमएस में भर्ती कराया गया। यहां उसकी हालत शनिवार का भीे चिंता जनक थी। बताया गया कि करंट से कर्मी का एक हाथ बुरी तरह से झुलस गया। करंट प्रवाह के बंद होने और एक हाथ से दूसरे तार को पकड़ लेने से वह चालीस फीट नीचे गिरने से बच गया। इधर, डिस्कॉम का कहना है कि घटना के दिन क्षेत्र की विद्युत लाइनें बंद थी, लेकिन रिवर्स करंट के कारण यह हादसा हो गया।
कागजों में ही हो रही जांच

जिले में विद्युत लाइनों पर लगातार हादसे बढ़ते जा रहे है। दो माह में करंट से तीन मौतें हो चुकी है, अधीक्षण अभियंता ने इसी मामले में जांच कमेटी गठित की है। इससे पूर्व के मामलों में भी जांच टीमें गठित की गई, लेकिन एक भी कमेटी ने विभागीय अभियंता या कर्मी को दोषी नहीं माना है।
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