टीबी कब कलेक्शन की एप फील्डी से यह एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक लैंस है, जो खांसी के आवाज के नमूने मात्र से टीबी का पता लगाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत देशभर में खांसी की आवाज के नमूने एकत्रित किए गए है। इसमें टीबी के सक्रिय मरीज व उसके स्वजन और टीबी मरीज के सम्पर्क में आए लोग शामिल है।
डॉ. कटारिया ने बताया कि दिल्ली से मिले एप लिंक के माध्यम से टीबी मरीज और संभावित टीबी मरीज की आवाज 7 बार रिकॉर्ड की गई। हर बार आवाज अलग-अलग तरीके से रिकार्ड की गई है। नमूने लेने के लिए जिले की १२ टीबी यूनिट के कर्मचारी पहुंचे। व्यक्ति की सहमति लेने के बाद एप को चालू कर 30 सैकेण्ड की आवाज रिकॉर्ड की गई।
कटारिया ने बताया कि दो हफ्ते से ज्यादा किसी को खांसी रहती है तो टीबी का संदिग्ध रोगी माना जाता है। टीबी है या नहीं इसका पता बलगम की जांच से होता है। कुछ लोग इससे बचने के लिए जांच ही नहीं कराते, कई बार टीबी पहली स्टेज से आगे पहुंच जाती है। मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस टीबी के रोगियों की संख्या बढऩे का एक कारण यह भी है। टीबी रोगियों की मृत्यु का कारण भी समय पर जांच व उपचार शुरु ना करना है।