गौरतलब है कि विद्यालय मे 11वीं 12वीं में साइंस बायोलॉजी विषय होने से यहां पर बायोलॉजी के विषय अध्यापक नहीं होने से इनसे पहले दो सत्र में गांव वालों ने चंदा एकत्रित कर विषय अध्यापक लगाए परंतु फिर भी रिजल्ट ठीक नहीं आने पर बच्चों ने यह सब्जेक्ट लेना ही बंद कर दिया। तब से ही सरथला स्कूल में 11वीं और 12वीं कक्षा में छात्रों ने प्रवेश लेना बंद कर दिया है। महावीर पंडित के सानिध्य मे ग्रामीणों ने सोमवार को विद्यालय में प्रवशोत्सव शुरू होने पर रणनीति बनाई कि विभाग द्वारा अनदेखी करने से पिछ्ले दो सत्रों से ग्राम व आसपास के गांवों के बच्चों का भविष्य संकट में है। उन्हें पढने के लिए गांव से बाहर जाने को मजबूर होना पड रहा है।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सरथला के प्रधानाचार्य रामेश्वर मीणा ने बताया कि पिछ्ले दो सत्रों से 11 वीं व 12 वीं कक्षा विज्ञान विषय के विषयाध्यापक नहीं होने से इस बार बच्चों ने विद्यालय में प्रवेश नहीं लिया है। शाला विकास एवं प्रबंधन समिति के प्रस्ताव भिजवाये है कि या तो विषयाध्यापक लगाए या अन्य विषय खोला जाए, जिससे छात्र समय पर प्रवेश ले सके। विभाग को प्रस्ताव भिजवाया है।