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कइयों ने कहा- स्कूल खुलने चाहिए, कुछ ने जल्द बाजी बताया

locationभीलवाड़ाPublished: Jul 24, 2021 09:25:02 am

Submitted by:

Suresh Jain

स्कूलें खोलने का निर्णय पर अभिभावकों- बच्चों की प्रतिक्रया

कइयों ने कहा- स्कूल खुलने चाहिए, कुछ ने जल्द बाजी बताया

कइयों ने कहा- स्कूल खुलने चाहिए, कुछ ने जल्द बाजी बताया

भीलवाड़ा।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच राज्य सरकार के दो अगस्त से स्कूल खोलने के निर्णय पर मिश्रित प्रतिक्रिया हुई है। कई अभिभावक और बच्चे स्कूल व शिक्षण संस्थाएं खोलने के पक्ष में है, वहीं कुछ अभिभावकों ने इसे जल्दीबाजी बताया।
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” ऑनलाइन के बजाय क्लास में अच्छा शिक्षण हो सकता है। बच्चे अपनी समस्या को रूबरू हल कर सकते है। संक्रमण का खतरा तो सभी जगह है। कोरोना बचाव के लिए स्कूल प्रबन्धन को कोविड गाइड लाइन की सख्ती से पालना करनी चाहिए। सरकार की सभी गतिविधियां संचालित है तो फिर स्कूल भी खुलने चाहिए।
सुनीता पुरोहित
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जब सभी अनलॉक हो चुका है तो फिर स्कूल भी खुलने चाहिए। पिछले डेढ़ साल से स्कूल बन्द होने से बच्चों ने किताबों को हाथ लगाना ही बन्द कर दिया है। ऐसे में स्कूल खुलने चाहिए, लेकिन साथ में बच्चों का टीकाकरण के बारे में भी सोचना चाहिए।
डिंपल कोठारी
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स्कूल खोले तो जा रहे हैं, लेकिन कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। बच्चों द्वारा गाइडलाइन का पालन करना मुश्किल है। बडे़ ही पूरी समझ के बाद भी नियमांें का पालन नहीं कर पा रहे हैं, तो बच्चे कैसे कर पाएंगे। स्कूल में बच्चों पर पूरा ध्यान देना मुश्किल है। अभी इसे कुछ समय और टालना चाहिए।
संगीता टेलर
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कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए पांचवी क्लास से ऊपर ही कक्षाएं खोलनी चाहिए। क्योंकि छोटे बच्चों में लापरवाही के कारण संक्रमण की संभावना ज्यादा है।
कविता रांका, अभिभावक
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अभी तो स्कूल नहीं खोलना चाहिए। छोटी कक्षाओं के बच्चों के लिए स्कूल खोलना सही नहीं है। अभी बच्चों के टीके भी नहीं आए हैं, इसलिए ये बड़ी रिस्क है। यदि खोलना ही है तो बडे़ बच्चों के लिए स्कूल खोलनी चाहिए।
रेखा देवी सेन
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कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए अभी स्कूल खोलने से बचना चाहिए। क्योंकि अभी छोटे बच्चों की वैक्सीन भी नहीं आई है, जबकि सरकार ने एक या दो वैक्सीन लगाने वाले को ही हर जगह आने-जाने की छूट दे रही है। फिर छोटे बच्चों का स्कूल जाना खतरे से खाली नहीं है।
प्रज्ञा नाहर, छात्रा
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पहली से पांचवी तक के स्कूल नहीं खुलने चाहिए, क्योंकि छोटे बच्चे अपना ध्यान नहीं रख सकते है। लेकिन सीनियर छात्रों के लिए यह निर्णय सही है ताकि वे परीक्षा के माध्यम से अपनी काबिलियत को दिखा सके।
मेघा विजयवर्गीय
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छोटे बच्चों के लिह स्कूल नहीं खोलने चाहिए। कक्षा पांचवी के बाद की की कक्षा शुरू की जानी चाहिए। जब बड़े ही कोरोना गाइड लाइन की पालना नहीं कर पाते है तो छोटे बच्चे कैसे कर पाएंगे।
रिया मेहता, छात्रा
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जब तक परिस्थिति अनुकूल है, तब तक कक्षा ६ से स्कूल खोल दिए जाने चाहिए, ताकि बच्चे व्यवस्थित रूप से अध्ययन कर सके। घर पर ऑन लाइन अध्ययन करना ज्यादा कारगर नहीं है।
भूमि विजयवर्गीय
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यदि २ अगस्त से स्कूल खोलने का निर्णय है तो सबको तैयार रहना चाहिए। छोटे बच्चों के लिए सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। लेकिन पांचवी से कक्षाओं को सुचारू रूप से चलाना चाहिए। हालांकि तीसरी लहर की संभावना भी है। ऐसे में कोरोना गाइड लाइन की भी सख्ती से पालना होनी चाहिए।
बसंत गांधी अभिभावक
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