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भीलवाड़ा

शहीद का स्मारक बनने का परिजनों को इंतजार, बोले उसी दिन सरकार की सही मायने में श्रद्धांजलि

शहीद का स्मारक बनने का पर‍िजनों का आज भी इंतजार

भीलवाड़ाJan 26, 2018 / 11:38 am

tej narayan

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बीस वर्ष पहले दुश्मनों के दांत खट्टे करते हुए देश की सरहद पर शहीद हुए टीकड़ के जयराम मीणा के परिजनों को आज भी राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन की घोषणा के पूरा होने का इंतजार है।

महावीर पुरी. जहाजपुर।

बीस वर्ष पहले दुश्मनों के दांत खट्टे करते हुए देश की सरहद पर शहीद हुए टीकड़ के जयराम मीणा के परिजनों को आज भी राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन की घोषणा के पूरा होने का इंतजार है। परिजनों की पीड़ा है कि ना तो अभी तक शहीद का स्मारक बन सका और ना ही उन्हें जमीन मिल सकी। अनुकम्पा नियुक्ति मिलने में भी तेरह साल लग गए।
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जिले में बूंदी व टोंक सीमा पर स्थित टीकड़ गांव के जवान जयराम मीणा सेना की 12 वीं ग्रेनेडियर्स में नायब सूबेदार के रूप में कश्मीर में देश की सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हो गए 1998 को राजौरी सेक्टर में उग्रवादियों से हुई भीषण मुठभेड में उन्होंने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए, लेकिन वे घिर जाने से उनकी गोलियों से छलनी हो कर वीरगति को प्राप्त हो गए थे। लेकिन जहाजपुर की धरती के जाबांज की बहादुरी के किस्से आज भी लोगों का जोश दुगना कर देते हैं।
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शहीद जयराम के माता पिता का स्वर्गवास पहले ही हो चुका था, इसके बाद जयराम भी वीरगति को प्राप्त हो गए। ऐसे में शहीद की तीन पुत्री व दो पुत्रों के पालन पोषण की जिम्मेदारी उनकी बेेेवा कस्तूरी देवी पर आ गई थी। कस्तूरी देवी ने सरकार की अनदेखी के बीच 13 साल तक परिवार को संभालने के लिए संघर्ष किया। ये प्रयास बाद में रंग लाए और सरकार ने शहीद की शहादत के 13 साल बाद उसके बेटे भवानी सिंह को एसडीएम कार्यालय कोटडी में बतौर क्लर्क की नौकरी दी। इसके बाद परिवार की माली हालत में सुधार हुआ।
खो गई शहादत की चमक

शहीद के नाम से उस समय तत्कालीन प्रधान ने गांव में शहीद स्मारक बनाए जाने की घोषणा की, जो आज तक पूरी नहीं हुई। सरकार ने पेट्रोल पम्प आवंटन, 25 बीघा जमीन की घोषणा कर रखी थी। लेकिन ये घोषणा भी अभी तक कागजी साबित हुई है। शहीद की वीरांगना ने बताया कि शहीद पति की याद में शहीद स्मारक की घोषणा की गई, उसे सरकार व स्थानीय प्रशासन पूरा कर दे। सरकार व पंचायत समिति जहाजपुर अपने घोषणा को अमल में लाते हुए गांव में शहीद का स्मारक बना देंगे,सरकार की ओर से शहीद को सच्ची श्रद्धांजलि उसी दिन होगी।

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