भीलवाड़ा। राजमाता विजयराजे मेडिकल कॉलेज के तीसरे साल (२०२०-२१) में आने वाले १५० नए विद्यार्थियों के लिए किस प्रकार पढ़ाई की सुविधा जुटाई जाएगी, इसके अध्ययन के लिए मेडिकल कॉसिंल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की तीन सदस्यीय टीम ने कॉलेज के साथ भी महात्मा गांधी राजकीय चिकित्सालय का निरीक्षण किया। तीन सदस्यी टीम ने दो दिवसीय निरीक्षण की रिपोर्ट में बताया कि कॉलेज में स्टाफ व रेजीडेंट चिकित्सकों की कमी है और चिकित्सालय की इमारत भी पुरानी हो चुकी है।
टीम ने कॉलेज व महात्मा गांधी चिकित्सालय में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। टीम में शामिल बैंगलूरु के हरीश एमआर और ओडिशा के चन्द्रमोहन मोहंती ने मेडिकल कॉलेज तथा गुजरात के एमआइ शेख ने चिकित्सालय में निरीक्षण किया। चिकित्सालय में शेख ने निरीक्षण किया। अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ ने बताया कि उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी, उपकरण, वार्ड, सिटीस्केन, एमआरआइ, आउटडोर, लैब, सोनोग्राफी, आउटडोर रजिस्ट्रेशन, मरीजों की संख्या, आदि की जानकारी ली। मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में भी टीचिंग रूम व अन्य व्यवस्थाएं देखी।
रसोईघर व वार्डो का निरीक्षण
टीम ने रसोईघर में मरीजों को दिए जा रहे खाने की गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने आइसीयू, सीसीयू समेत वार्डों व ऑपरेशन थिएटर, आपातकालीन कक्ष, स्टोर व मेडिकल ज्यूरिस्ट रूम का भी निरीक्षण किया।
टीम ने रसोईघर में मरीजों को दिए जा रहे खाने की गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने आइसीयू, सीसीयू समेत वार्डों व ऑपरेशन थिएटर, आपातकालीन कक्ष, स्टोर व मेडिकल ज्यूरिस्ट रूम का भी निरीक्षण किया।
कॉलेज एवं चिकित्सालय में एमसीआइ के मापदंडों के अनुसार व्यवस्था है या नहीं, इसकी रिपोर्ट मंगलवार को की और इसमें खामियों को उजागर करते हुए सुधार की जरूरत बताई। टीम ने मंगलवार को सांगानेर व आमां डिस्पेंसरी का निरीक्षण भी किया।
नए बैच की तैयारी मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा ने बताया कि कॉलेज में टीम ने २०२०-२१ में आने वाले नए बैच के लिए व्यवस्थाओं और कमियों की जानकारी के लिए सभी विभागों का निरीक्षण किया। टीम ने हॉस्टल, मैस, उपकरणों की स्थिति भी देखी।