भीलवाड़ा

मेडिकल स्टोर ने बेची अवधि पार दवाई

औषधी नियंत्रक को प्रारम्भिक जांच में मिली कई अनियमितताएं

भीलवाड़ाAug 10, 2020 / 10:42 pm

Suresh Jain

Medical stores sold medicines across period in bhilwara

भीलवाड़ा।
एक ओर लोग कोरोना संक्रमण से बचने व अपनी जान बचाने में लगे है वही एक मेडिकल स्टोर संचालक ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मरीजों को अवधिपार दवाइयां देकर उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इस तरह का मामला सामने आने पर चिकित्सा विभाग के औषधी नियंत्रक ने जांच प्रारम्भ कर दी है। इस जांच में कई अनियमितताएं सामने आई है।
हलेड़ ग्राम निवासी सुगना सुवालका की तबियत खराब होने पर उसने आरसी व्यास स्थित एक निजी चिकित्सालय के डॉक्टर प्रदीप अग्रवाल को दिया। डाक्टर ने उसी पर्ची में दवा लिखकर उनके यहीं पर संचालित मेडिकल स्टोर से दवा लेने की बात कही। मरीज ने डॉक्टर के अनुसार अस्पताल में ही संचालित गोविन्दा फार्मा से दवाई खरीद ली। घर जाकर देखा तो उन दवाइयों में फरवरी माह तक की एक्सपायरी डेट की दवाई भी शामिल थी। मरीज ने इसकी शिकायत उपभोक्ता अधिकार संगठन के जिलाध्यक्ष अरविंद पोखरना व हलेड इकाई अध्यक्ष कैलाश सुवालका से की। इन्होंने दवाओं व बिल के आधार पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के जिला औषधि नियंत्रक अधिकारी को इसकी शिकायत करते हुए मानव जीवन को खतरे में डालने वाले इस अस्पताल व दवा स्टोर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। शिकायत में बताया गया कि सुगना सुवालका ने डॉक्टर अग्रवाल को गत ३० जुलाई को दिखाया था। गोविन्दा फॉर्मा ने बी फोलकीन प्लस की ३० टेबलेट के स्थान पर अलग-अलग बैंच नम्बर की कुल २६ गोलिया दी। जिसकी कीमत १९५ रुपए थी। यह दवा फरवरी २०२० को ही एक्सपायरी हो गई थी। यह दवा वर्ष २०१९ में ही बैचना बताया गया है।
शिकायत के आधार पर ड्रग इंसपेक्टर विष्णु शर्मा ने गोविन्दा फॉर्मा की जांच की तो वहा कई तरह की अनियमितताएं सामने आई। जांच के दौरान फॉर्मेसिस्ट नहीं मिला। एक्सपायरी दवा का कोई स्टॉक व रजिस्ट्रर नहीं मिला। बिल में जो बैच नम्बर की दवा लिखी गई थी। उस बैच की दवा की कुल ५० गोली आने बताया गया जो वर्ष २०१९ में ही समाप्त होना बताया गया है। शर्मा ने बताया कि बिल में सबसे बड़ी गड़बड़ी यह थी की २६ गोलियों का एक ही बैच नम्बर लिखा गया था। अब जांच का विषय यह भी है कि एक्सपायरी दवा कहां से आई तथा किसी ने वापस लौटाई तो उसकी फॉर्मा पर एन्ट्री क्यों नहीं की गई। शर्मा ने बताया कि फॉर्मा संचालक को कारण बताओं नोटिस जारी किया जाएगा।
ऐसी गलती नहीं हो सकती
दवा देने में कोई गलती नहीं की है। डाक्टर ने जो दवा लिखी वह एक्सपायरी नही दी गई है। क्योंकि दवा देने के बाद वापस डाक्टर के पास भेजी जाती है। ताकी मरीज को समझा सके की कौनसी गोली कैसे लेनी है। जो आरोप लगा रहे है वह गलत है।
अरविन्द सनाढ्य, संचालक गोविन्दा फॉर्मा

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