scriptबचपन में खोई मीना, 12 साल बाद मिली | Meena lost in childhood, found after 12 years | Patrika News

बचपन में खोई मीना, 12 साल बाद मिली

locationभीलवाड़ाPublished: Jun 16, 2021 12:05:17 pm

Meena lost in childhood, found after 12 years at bhilwara करेड़ा कस्बे की मीना गाडऱी की कहानी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं। 12 साल पहले मीना खो गई थी और तब उम्र महज 5 साल थी। अब 15 साल की किशोरी बन चुकी मीना मंगलवार को परिजनों से मिली तो उनकी पथराई आंखों में आंसू निकल पड़े।

Meena lost in childhood, found after 12 years

Meena lost in childhood, found after 12 years


भीलवाड़ा। करेड़ा कस्बे की मीना गाडऱी की कहानी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं। 12 साल पहले मीना खो गई थी और तब उम्र महज 5 साल थी। अब 15 साल की किशोरी बन चुकी मीना मंगलवार को परिजनों से मिली तो उनकी पथराई आंखों में आंसू निकल पड़े। अपने बेटी के मिलने की उम्मीद लगभग खो चुके परिजनों ने बेटी को गले लगा लिया। दिल्ली में मीना का एनजीओ लालन-पालन कर रहा था। दिलचस्प पहलु यह है कि मीना ने दसवीं भी उत्तीर्ण कर ली थी। Meena lost in childhood, found after 12 years at bhilwara
थानाप्रभारी सुरेन्द्र गोदारा ने बताया कि 12 जुलाई 2009 को करेड़ा के बक्षु गाडरी की पांच साल की बेटी मीना घर के बाहर खेलते हुए लापता हो गई थी। उसे कोई बहला-फुसला कर ले गया था। परिजनों ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया। प्रदेश में तीन साल तक तलाश की गई लेकिन कहीं पता नहीं लगा। परिजनों का मानना था कि घटना के समय हाथीपालकों का समूह करेड़ा में आया था। वह उठाकर ले जा सकता है। उसके बाद पालकों की जमात नजर नहीं आई थी।
दिल्ली में एनजीओ कर रहा था लालन-पालन
थानाप्रभारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस को वर्ष-2009 में मीना लावारिस घूमते मिली थी। पुलिस ने मीना को दिल्ली में किलकारी रेम्बो एनजीओ के हवाले किया। वही मीना का लालन-पालन कर रही थी। एनजीओ को तब यहीं पता था कि बालिका का नाम मीना है और करेड़ा की रहने वाली है। उसके पिता का नाम बक्षु है। एनजीओ ने परिजनों की तब तलाश भी की, लेकिन पता नहीं चला।
सुप्रीम कोर्ट की दखल से दर्ज हुई प्राथमिकी
वर्ष-2016 में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया। उन्होंने लावारिस मिली बालिकाओं की एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। जिस एनजीओ में मीना रह रही थी, उसमें १०५ बालिकाएं साथ रहकर पढ़ाई कर रही है। एफआईआर दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने दुबारा से मीना के परिजनों की तलाश की।
रिकॉर्ड खंगाला, परिजनों ने पहचाना
इस बीच दिल्ली पुलिस ने बालिका के बारे में करेड़ा पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पुराना रिकॉर्ड को खंगाला तो मीना की गुमशुदगी निकली। उसके पिता को बुलाया। उनके साथ कुछ ओर लोगों को दिल्ली भेजा। वहां पिता से मीना को मिलाया गया। पिता ने बेटी को पहचान लिया। कागजी औपचारिकता पूरी कर मीना को करेड़ा थाने लाया गया।
हर आहट में बेटी का इंतजार
मीना की मां और अन्य परिजन रात में करेड़ा थाने पहुंचे। मीना को सामने देख उसकी मां की रूलाई फूट पड़ी। मीना को गले लगा लिया। मां ने कहा कि अब वह कलेजे के टुकड़े को दूर नहीं होने देगी। उसकी याद में कई सालों तक तो नींद ही नहीं आई। बेटी को देखकर चेहरे पर छाई उदासी खुशी में बदल गई। थानाप्रभारी गोदारा ने बताया कि मीना को बुधवार को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया।
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