महात्मा गांधी नरेगा कार्मिक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अशोक कुमार वैष्णव ने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के सभी कार्मिक के खिलाफ सरकार काम कर रही है। कर्मचारियों को उनके हक से वंचित रखा जा रहा है। इसके चलते पंचायती राज सेवा परिषद एवं अन्य कर्मचारी संगठन हड़ताल पर है। मनेरगा कार्मिक संघ ने सरकार के इस रवैये की कड़ी निंदा करते हुए कर्मचारियों का नैतिक समर्थन करते हुए २५ सितम्बर से ही मांगे नहीं माने जाने तक हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है।
इसी प्रकार जलग्रहण विकास एव भू संरक्षण विभाग के सभी कनिष्ठ अभियन्ताओं ने भी छठे वेतन आयोग में रही विसंगतियों के कारण ३६ सौ ग्रेड पे दिया जा रहा है। जो कि डिग्री धारी कनिष्ठ अभियन्ताओं की योग्यता के अनुरूप नहीं है। विभाग के संगठन गियर (कृषि) ने निर्णय किया है कि कनिष्ठ अभियन्ता संवर्ग का ग्रेड पे ३६०० से ४८०० करने के समर्थन में सभी कनिष्ठ अभियन्ता सोमवार से ही अनिश्चित कालीन सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन जिला कलक्टर के नाम अधीक्षण अभियन्ता को दिया गया है। इस दौरान सरिता दुबे, आशिना तिवारी, राजेन्द्रसिंह मीणा, अंकुश सेन, हिमांशु शर्मा, दिनेश कुमार गवारिया, रामलाल भील, नरेश सेन, रामकुमार टेलर, आनन्द कीर्ति नरेन्द्र मीणा शामिल थे।
रोडवेज की हड़ताल को हुआ एक सप्ताह
रोडवेज के कर्मचारियों का हड़ताल रविवार को सातवे दिन भी जारी रही। इसके चलते बस स्टैण्ड पर सन्नाटा पसरा रहा। वही हड़ताल को एक सप्ताह हो जाने से यात्री परेशान हो गया है। उसे हड़ताल टूटने का इंतजार है। हड़ताल के कारण नीजि बस मालिक चांदी कूट रहे है। मनमाना किराया वसूल कर यात्रियों की जेब पर भार डाल रहे है। एक तरफ त्यौहारी सीजन दूसरी और हड़ताल ने जनजीवन को प्रभावित किया है। हड़ताल से भीलवाड़ा आगार को करीब एक करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है। हड़ताल रोडवेज प्रबन्धकों के लिए आग में घी का काम कर रही है।