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मां बाप के अरमानों पर बीमारियों का दंश, बेटे के इलाज में पैसा बना मुशीबत

locationभीलवाड़ाPublished: Jul 19, 2018 08:08:25 pm

Submitted by:

rajesh walia

मां बाप के अरमानों पर बीमारियों का दंश, बेटे के इलाज में पैसा बना मुशीबत

 son's treatment
भीलवाड़ा। माता-पिता कड़ी मेहनत कर अपने कलेजे के टूकड़े को पाल पोसकर बड़ा करते हैं। लेकिन जवान बेटे पर बीमारियों का ग्रहण लग जाए तो, मां-बाप के सारे अरमान धरे रह जाते हैं। ऐसा ही एक मामला पारोली कस्बे से निकलकर सामने आया है। जवान बेटे के हाथ-पैरों ने अचानक काम करना बंद कर दिया। इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर लगाए लेकिन, आगे इलाज कराने के पैसे नहीं बचे हैं। अब जितनी रकम थी वो सब खर्च कर दी। संकट की इस घड़ी में देवी देवताओं के मंदिरों की चौखट पर खूब धोक लगाई। हालात में कोई सुधार नहीं देख अब मां बाप के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे।
जवान बेटा बीमारियों का बना शिकार

जवान बेटे राहुल के हाथ पैंरों के काम नहीं करने की बीमारी नाशुर बनकर माता पिता को अंदर ही अंदर खाए जा रही है। इलाज के लिए बेटे को अस्पताल लेकर गए लेकिन, पैसे नहीं होने से निराशा हाथ लग रही है। देवी देवताओं की चौखट पर खूब धोक लगाई लेकिन, बेटे की हालत में कोई सुधार नहीं आया। ये दर्द उस माता पिता का है जिनके 21 वर्षीय जवान बेटे के सिर पर हाथ फेरते हुए अपनी दास्तां हर किसी को बयां करते हैं। कस्बे के बड़े मंदिर के पीछे रहने वाले राजू बारेट के साथ यह वाक्या घटित हो रहा है। राजू बारेट का 21 वर्षीय बेटा राहुल इन दिनों हाथ पैरों का काम करना बंद कर देने के साथ शारीरिक बीमारी का दंश झेल रहा है। चलने फिरने में असमर्थ राहुल की सेवा मां बाप को करनी पड़ रही है। लेकिन पैसे के अभाव में इलाज को मोहताज माता कृष्णा कंवर और पिता राजू बारेट की आंखों में आंसू बह निकलते हैं।
जो था सब लगा दिया

माता-पिता का कहना है कि अब तक जो कुछ पैसा था उससे साल भर तक बीमारी का इलाज करवा लिया। अब चिकित्सकों ने अहमदाबाद ले जाने की सलाह दी है। लेकिन पैसों के अभाव में अपने जवान बेटे को आंखों के सामने दिनों दिन दुर्बलता का शिकार होते देखा नहीं जा रहा। अब अपने जवान बेटे की मदद के लिए माता-पिता आस लगाकर बैठे हैं। राजू बारेट ने बताया कि भगवान के दर पर मन्नतें मांगी। कोई फायदा नहीं मिल रहा। इससे बेटे को लेकर दिन रात निराशा हाथ लग रही है। बीपीएल में चयनित नहीं होने की वजह से निशुल्क इलाज भी रोड़ा बना हुआ है।
पीड़ित राजू बारेट के परिवार की तंगहाल स्थिति और बीमार बेटे राहुल के उपचार के लिए खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जोड़ा जाएगा। इससे मरीज का निशुल्क इलाज करवाया जाएगा। उम्मेद सिंह, उपखंड अधिकारी, कोटड़ी

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