हर रोज 125 से अधिक पीपीई किट आ रहे काम
भीलवाड़ाPublished: Apr 04, 2020 09:35:34 am
सरकार ने कहां इनकी संख्या करें कम
Examining sample wearing PPE kit all night
भीलवाड़ा . कोरोना वायरस का इलाज करते हुए जिस तरह से कई डाक्टर भी इस महामारी के चपेट में आ रहे हैं वह गंभीर चुनौती बनी हुई है। सरकार की चिंता इस बात की है कि अभी देश में इन चिकित्साकर्मियों के पास आवश्यक सुरक्षा कवच यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्किपमेंट (पीपीई) कीट नहीं है। असलियत में देश के पास ही पर्याप्त पीपीई नहीं है। लेकिन पूरे देश व राजस्थान के लिए मॉडल बन चुका भीलवाड़ा में प्रतिदिन १२५ से अधिक पीपीई कीट काम में लिए जा रहे है। इनकी संख्या को देखकर अब सरकार ने इसकी संख्या कम करने के लिए कहा है।
सूत्रों का कहन है कि कोरोना इलाज में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों को पीपीई कीट और एन-95 मास्क पहनना आवश्यक है अन्यथा इनके संक्रमित होने की पूरी आशंका रहती है। लेकिन महात्मा गांधी चिकित्सालय में सफाई कर्मचारी, दवा का छिडकाव करने वाले, अन्य कर्मचारी भी पीपीई कीट का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में इनकी संख्या अधिक होने से सरकार ने कहा कि पहले स्वास्थ्यकर्मी व चिकित्सा अधिकारी इसका इस्तेमाल करेंगे। आईएमए अध्यक्ष डा. दुष्यन्त शर्मा ने बताया कि वे पीपीई कीट की व्यवस्खा करने में लगे है। इसके लिए वे हर उच्च अधिकारियों से भी सम्पर्क बनाए हुए है। जहां भी इसकी उपलब्धता होगी। वहा से लाकर भीलवाड़ा के चिकित्सा अधिकारी व स्थास्थ्य कर्मियों को उपलब्ध कराया जाएगा।
भीलवाड़ा में जिस गति से काम हुआ है। उसके आधार पर प्रदेश के सभी चिकित्सा अधिकारी भीलवाड़ा को मॉडल मानकर काम कर रहे है। भीलवाड़ा में जिले में सबसे अधिक लोगों की स्क्रीनिंग हुई है। सैम्पल भी बड़ी संख्या में लिए गए। ऐसे में लैब टेक्नीशियन को भी यह पीपीई कीट उपलब्ध कराए जा रहे है।
पीपीई कीट को भेज रहे अजमेर
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. राजन नन्दा ने बताया कि पीपीई कीट की कोई कमी नहीं है। अगले सात तक के कीट पड़े है। इन्हें काम लेने के बाद उन्हें सुरक्षित एक थेले में डालकर वायो मेडिकल वेस्ट के साथ अजमेर डम्प करने के लिए भेजा जा रहा है। हालांकि इससे पहले इसे सेनेटाइजर से साफ किया जाता है उसके बाद ही उसे थेले में डाला जाता है।