script‘फूलÓ को कांटों में फेंकने वाली मां व प्रेमी को पांच साल का कारावास | Mother and lover imprisoned for five years for throwing 'flower' in th | Patrika News

‘फूलÓ को कांटों में फेंकने वाली मां व प्रेमी को पांच साल का कारावास

locationभीलवाड़ाPublished: Oct 20, 2019 11:40:09 am

Submitted by:

Akash Mathur

अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या-तीन अलका गुप्ता ने नवजात कन्या को जन्म के बाद जान से मारने की नीयत से खेत की बाड़ में फेंकने के सात साल पुराने मामले में नवजात की मां और उसके प्रेमी को दोषी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई।

Mother and lover imprisoned for five years for throwing 'flower' in th

Mother and lover imprisoned for five years for throwing ‘flower’ in th

भीलवाड़ा. अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या-तीन अलका गुप्ता ने नवजात कन्या को जन्म के बाद जान से मारने की नीयत से खेत की बाड़ में फेंकने के सात साल पुराने मामले में नवजात की मां और उसके प्रेमी को दोषी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई। तीस-तीस हजार रुपए जुर्माने के आदेश भी दिए। सजा पाने वाले में बोरियापुरा निवासी नारायण जाट शामिल है। किसी नवजात को फेंकने के मामले में जिले का संभवतया यह पहला मामला है, जिसमें दोषियों को सजा मिली है।
प्रकरण के अनुसार २ अगस्त २०१२ को बोरियापुरा निवासी कन्हैयालाल बैरवा ने बागोर थाने में मामला दर्ज करवाया था। परिवादी ने बताया कि ग्रामीणों ने नाडी के पास खेत पर थुहर की बाड़ में धूल में लथपथ पड़ी नवजात के रोने की आवाज सुनी। कांटों से उसके शरीर पर घाव हो गए थे। बागोर पुलिस ने उसे बागोर अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे महात्मा गांधी चिकित्सालय भीलवाड़ा रैफर कर दिया गया। पुलिस ने अज्ञात महिला के खिलाफ कातिलाना हमले का मामला दर्ज किया।
बदनामी के डर से फेंकी कन्या
पुलिस ने जांच के बाद संदेह के आधार पर एक युवती से पूछताछ की। युवती ने बताया कि उसके नारायण जाट से अवैध सम्बन्ध थे। युवती ने अपने पिता के बाड़े में नवजात को जन्म दिया और बदनामी के डर से उसे बाड़ में फेंक दिया। पुलिस ने युवती और नारायण को गिरफ्तार किया। डीएनए टेस्ट में नवजात के जैविक माता-पिता निकले। अपर लोक अभियोजक गोपाललाल गाडरी ने अभियुक्तों के खिलाफ गवाह और दस्तावेज पेश कर आरोप सिद्ध किया।

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