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खरीफ के बाद सरसों पर खतरा, खेतों में पानी से रहेगी नमी

locationभीलवाड़ाPublished: Oct 11, 2019 07:58:40 pm

Submitted by:

Suresh Jain

गेहूं व चने की ज्यादा बुवाई की संभावना15 अक्टूबर तक होती है सरसों की बुवाई, खेत तैयार होने लगेंगे 10 से 15 दिन

Mustard threatens after kharif, water will remain wet in fields in bhilwara

Mustard threatens after kharif, water will remain wet in fields in bhilwara

भीलवाड़ा।
excess rain अतिवृष्टि से जिले में खरीफ फसल खराब हुई और अब रबी पर भी संकट है। खेतों में पानी भरा होने से मिट्टी में ज्यादा नमी से सरसों की बुवाई अब तक शुरू नहीं हो पाई। सरसों की बुवाई सितंबर के आखिरी सप्ताह से 15 अक्टूबर तक होती है लेकिन इस बार हालात यह है कि खेतों का पानी निकलने या नमी दूर होने में १० से 15 दिन लगेंगे। इस साल सरसों बुवाई प्रभावित होगी। माना जा रहा है कि चने का रकबा बढ़ सकता है।

excess rain कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि सरसों का रकबा इस साल चने और गेहूं में डायवर्ट होगा। अतिवृष्टि से इस साल खरीफ में सोयाबीन, मक्का, मूंग, उड़द, तिल की फसल खराब हो चुकी है। अब किसानों को रबी से उम्मीद है, लेकिन पानी भरा होने से खेत खाली नहीं हो पा रहे हैं। किसान न हंकाई करा पा रहे हैं और न बुवाई। सरसों की बुवाई को 3० डिग्री तक तापमान की जरूरत होती है। यह तापमान 15 अक्टूबर तक रहता है। इसके बाद पारा गिरने लग जाता है। यदि तब सरसों की बुवाई की जाए तो अंकुरण नहीं हो पाता है।
गेहूं को मिलेगा फायदा
इस साल सरसों के साथ ही चना और धनिया की बुवाई भी देरी से ही होगी। खेतों में नमी होने से से गेहूं की फसल को खासा फायदा मिलेगा। जहां किसान 3 से 4 बार पानी देते हैं, वहां दो से 3 बार ही पानी देना पड़ेगा।
दो साल में सरसों की बुवाई और उत्पादन
दो साल से लगातार सरसों की बुवाई और उत्पादन बढ़ा है। वर्ष २०१७-१८ में सरसों ३९,२९९ हैक्टेयर में बोई और ५१, ६६२ टन उत्पादन हुआ। वर्ष २०१८-१९ में 3२,7४४ हैक्टेयर में बुवाई और ६१ हजार मीट्रिक टन उत्पादन हुआ। इस साल ६१,८५० हैक्टेयर बुवाई का लक्ष्य है, लेकिन यह शुरू नहीं हुई है।
नहीं बो पा रहे सरसों
सरसों बुवाई 15 अक्टूबर तक होती है। इस समय तक 3० डिग्री तापमान रहता है जो उसके लिए उचित होता है। इस साल खेतों में पानी भरा होने से किसान सरसों बो नहीं पा रहे हैं, लेकिन गेहूं की फसल के लिए खेतों को बेहतर नमी मिल जाएगी।
रामपाल खटीक, उपनिदेशक कृषि विभाग
फसल क्षेत्रफल
गेहंू १२४४५०
जौ २५५५०
चना ४५७५०
मसूर ६४००
सरसों ६१८५०
तारामीरा ४५००
जीरा २१५०
अन्य ८५००
योग २७९१५०

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