लॉक डाउन के चलते घरों में महिलाओं की बढ़ी परेशानी
भीलवाड़ाPublished: Apr 06, 2020 09:05:53 am
बच्चे पढऩे के बजाय मस्ती करने व टीवी देखने में बिताते समय
ncreased problems for women in lock down in bhilwara
भीलवाड़ा . कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है। ऐसा मौका देश के लोगों के सामने पहली बार आया है। इसलिए इसके बारे में किसी को ज्यादा ध्यान नहीं है कि लॉक डाउन क्या है। वही २० मार्च से भीलवाड़ा में लगे लॉक डाउन के चलते अब घर की महिलाए बच्चो से परेशान होने लगी है। घर में बड़ों से लेकर छोटे बच्चों तक में दिन भर हल्ला बोल मचाने तथा दिन भर टीवी देखने के अलावा कोई काम नहीं रहा है। इसके चलते कई बार तो महिलाओं व बच्चों में झगड़े तक होने लगे है। हालांकि कई घरों में तो इस लॉक डाउन में बड़े बुजुर्ग अपने पौते-पोतियों को को अपने समय में हुए घटानाओं के बारे में बताते रहते है। वही कुछ बच्चे पढ़ाई में मस्त है।
धमाल करते है बच्चे
आर के कॉलोनी निवासी राधादेवी ने बताया कि स्कूलों में छुट्टी होने तथा देश भर में लॉक डाउन होने से बच्चे दिन भर घर में धमाल करते रहते है। घर बाहर निकलते है तो पुलिस वाले टोकते है। ऐसे में दिन भर बच्चे घर में टीवी देखने या लडऩे के अलावा कोई काम नहीं करते है। हालांकि कोरोना वायरस की चैन को तोडऩे के लिए लोगों का घर में रहना जरूरी है। नहीं तो जिस तरह प्रशासन ने इस पर नियंत्रण किया फिर से यह तेजी के साथ फैल सकता है।
दिन तीन बार फेरते माला
आरसी व्यास निवासी महेन्द्र सेठी ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते आरके कॉलोनी स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर बन्द है। ऐसे में वे दिन में तीन बार माला कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए फेरते है। छोटे बच्चों को संभालना कितना मुश्किल है। यह अब घर पर रहने पर पत्ता चल रहा है। महिला दिन भर में किताना काम करती यह एहसास भी हो रहा है।
राकेश कुमार का कहना है कि लॉकडाउन पर आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सेवा पर रोक लगा दी जाती है। राजस्थान में सबसे पहले लॉकडाउन हुआ। अब पूरे देश में १४ अप्रेल तक लॉकडाउन है। बैंक कर्मचारी राकेश आर्य ने बताया कि लॉकडाउन से लोग घबरा रहे हैं। खासकर इसकी कफ्र्यू से तुलना करने पर उनमें डर है। इससे घबराने की नहीं है, सावधानी की आवश्यकता है।
क्या होता है लॉकडाउन
लॉकडाउन का अर्थ है तालाबंदी, लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था है जो किसी आपदा या महामारी के समय लागू की जाती है। जिस इलाके में लॉकडाउन किया गया है उस क्षेत्र के लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है। उन्हें सिर्फ दवा और खाने-पीने जैसी जरूरी चीजों की खरीदारी के लिए ही बाहर आने की इजाजत मिलती है। इस दौरान वे बैंक से पैसे निकालने भी जा सकते हैं। जिस तरह किसी संस्थान या फैक्ट्री को बंद किया जाता है और वहां तालाबंदी हो जाती है उसी तरह लॉक डाउन का अर्थ है कि आप अनावश्यक कार्य के लिए सड़कों पर ना निकलें। अगर लॉकडाउन की वजह से किसी तरह की परेशानी हो तो आप संबंधित पुलिस थाने, जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक या अन्य अधिकारी को फोन कर सकते हैं। लॉकडाउन जनता की सुरक्षा के लिए किया जाता है। निजी व अन्य कार्यालय बंद रहते हैं। सरकारी कार्यालय भी आवश्यक सेवा के लिए खुले रहते है।