भीलवाड़ाPublished: Sep 10, 2023 11:46:55 am
Suresh Jain
आचार्य विद्यासागर के दर्शन के बाद जैन दर्शन पर पाठक ने किया अध्ययन
आदित्य सागर के सानिध्य में संगोष्ठी
भीलवाड़ा. दिगंबर जैन समाज के आचार्य व मुनियों की त्याग व तपस्या को देखकर मेरा मन में भी जैन धर्म को जानने की जिज्ञासा जागृत हुई। ब्राह्मण कुल में जन्म लेने के बाद भी आज जैन धर्म की पालना करने के साथ अब तक 600 से अधिक जैन धर्म पर लेख लिख चुके हैं। अन्य धर्म पर भी लेख लिखे हैं। जैन धर्म के लोगों ने लेख को स्वीकार किया। जैन धर्म सबसे अलग है। इसकी पालना कठिन है, लेकिन असंभव नहीं। अब तक 22 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हुआ। इनमें 6 जैन धर्म पर है।