ना बैंड ना घोड़ी, संकल्प हुआ तो हुई अपेक्षा
कोरोना काल में शादी के लिए अब कई जतन युवाओं को करने पड़ रहे है। इसके लिए उन्हें अग्नि परीक्षा जैसी स्थिति से भी गुजरना पड़ रहा है। आरसी व्यास नगर के संकल्प अग्रवाल ने चट मंगनी पट ब्याह की स्थिति बनने पर गुजरात से लौटने के बाद १४ दिन होम आइसोलेशन में गुजारे और कोविड जांच के बाद मंदसौर की अपेक्षा के साथ दामपत्य सूत्र में बंधे। हालांकि परिजनों को य मलाल रहा है कि वो संकल्प को घोड़े पर बैठक तोरण मारते हुए नहीं देख सके और स्वजनों के साथ मिल कर विवाह की खुशी भी नहीं बांट सके।

ना बैंड ना घोड़ी, संकल्प हुआ तो हुई अपेक्षा
भीलवाड़ा। कोरोना काल में शादी के लिए अब कई जतन युवाओं को करने पड़ रहे है। इसके लिए उन्हें अग्नि परीक्षा जैसी स्थिति से भी गुजरना पड़ रहा है। आरसी व्यास नगर के संकल्प अग्रवाल ने चट मंगनी पट ब्याह की स्थिति बनने पर गुजरात से लौटने के बाद १४ दिन होम आइसोलेशन में गुजारे और कोविड जांच के बाद मंदसौर की अपेक्षा के साथ दामपत्य सूत्र में बंधे। हालांकि परिजनों को य मलाल रहा है कि वो संकल्प को घोड़े पर बैठक तोरण मारते हुए नहीं देख सके और स्वजनों के साथ मिल कर विवाह की खुशी भी नहीं बांट सके।
कोरोना काल ने शादी समारोह की तस्वीरें एवं व्यवस्था पूरी तरह से बदल दी है, कही कोई चूक ना हो जाए, इसका पूरा ध्यान अब आयोजक रखने लगे है। समारोह मंें पचास से अधिक मेहमान नहीं हो तथा कार्यक्रम के दौरान सभी के चेहरों पर मास्क रहे, एेसी कोशिश होने लगी है। समारोह स्थल पर अतिथियों का स्वागत सेंट का स्प्रे के बजाए सेनटराइज से होने लगा है, फूल की जगह मास्क देने लगे है। हालांकि मास्क वर-वधू की पहचान बताने वाले ही उपयोग में किए जा रहे है। जिले में रात नौ बजे से कफ्र्यू लागू होने से आयोजन भी रात आज बजे से पहले सिमटने लगे है।
लॉक डाउन से मगनी स्थगित, फिर तय
आरसी व्यास नगर के आई सेक्टर निवासी अशोक अग्रवाल-चन्द्रकला अग्रवाल ने पुत्र संकल्प अग्रवाल (२८) जो कि गुजरात के भरूच स्थित ओनजीसी प्लांट में वरिष्ठ इंजीनियर है, उसका विवाह एमपी के मंदसौर निवासी राधेश्याम-कोमल अग्रवाल की पुत्री अपेक्षा से अप्रेल में तय किया था, लेकिन लॉक डाउन की स्थिति होने से विवाह व मगनी को निरस्त करना पड़ा। ११ जून को विवाह तय होने पर संकल्प ने तय किया की वो कोरोना काल की गाइड लाइन की पूरी पालना करेगा। भीलवाड़ा लौटने पर कोविड१९ की जांच कराई और १४ दिन तक आजादनगर स्थित ताउजी किशन चंद अग्रवाल के यहां होम आइसोलेट रहे, इस दौरान शादी की व्यवस्था भाई विकल्प व भाभी निशा गोयल ने संभाली।
बैंड ना बाराती, ना ही घोड़ी
होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने एवं कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भीलवाड़ा में ही आयोजित सादे कार्यक्रम में १० जून को अपेक्षा के साथ सगाई की। ११ जून की दोपहर में बिन बारात और घोड़ी चढ़े गिने चुने परिजनों के बीच अपेक्षा के साथ दाम्पत्य सूत्र में बंध गए। विकल्प बताते है कि परिवार में यह आखिरी शादी थी और इसको लेकर पूरा उत्साह पूर्व में था, लेकिन कोविड ने हालात बदल दिए। मगनी व शादी के कार्यक्रम मास्क व सोशल डिस्टेसिंग के बीच २४ घंटे में पूरे किए। ना ही बैंड़ बजा और ना ही बारात सजी, और ना ही घोड़ी पर चढऩे का मौका भाई को मिला, लेकिन सब खुश है।
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