भीलवाड़ा

न एम सेंड पॉलिसी आई न किया खनन नीति को स्पष्ट

patrika.com/rajsthan news

भीलवाड़ाFeb 22, 2020 / 11:32 am

jasraj ojha

न एम सेंड पॉलिसी आई न किया खनन नीति को स्पष्ट


भीलवाड़ा. सरकार को जिस विभाग से कमाई मिल रही है उस विभाग पर ही बजट में कोई खास घोषणाएं नहीं की गई है। इससे खान उद्यमियों को निराशा हाथ लगी है। प्रदेश में बजरी के खनन पर रोक लगी हुई है। एेसे में प्रमुख प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। बजरी की समस्या को देखते हुए सरकार को एम सेंड (कृत्रिम बजरी ) के संबंध में पॉलिसी बनाने की घोषणा होनी थी। इसका दो साल से इंतजार था लेकिन इसमें कुछ नहीं किया है। यदि यह पॉलिसी आती तो बजरी की समस्या से कुछ राहत मिल सकती थी। इसमें यह करना था कि जो भी सरकारी प्रोजेक्ट है उसमें एम सेंड का इस्तेमाल अनिवार्य करना था। इसके अलवा सरकार ने ई-रवन्ना व ई-ट्रांजिट पास का सिस्टम को शुरू कर दिया लेकिन सर्वर बहुत धीमा चल रहा है। एेसे में विभाग के काम समय पर नहीं होते हैं। इस क्षेत्र में भी सरकार ने कोई घोषणा नहीं की है।
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खातेदारी पॉलिसी का लाभ नही
ंसरकार ने खान आवंटन के लिए नीति बदली थी। विभाग की ओर से पहले आओ, पहले पाओ की नीति को बंद कर नीलामी प्रक्रिया शुरू की। इसमें खातेदारी में एक हैक्टेयर तक के एरिये में खान आवंटन की घोषणा की। इसमें उद्यमियों को अब तक फायदा नहीं मिल पाया है। अधिकांश फाइलें पर्यावरण स्वीकृति के चक्कर में अटकी हुई है।
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खान श्रमिकों के लिए कोई घोषणा नहीं
जिले में जो खान श्रमिक है उनके लिए कोई घोषणा नहीं की गई है। वहीं सिलिकोसिस रोगियों के कल्याण के लिए कोई योजना बननी थी इस संबंध में भी सरकार ने कुछ नहीं किया है। वहीं जो खान एरिया है वहां सड़के इतनी क्षतिग्रस्त है इसके बावजूद सरकार ने कोई घोषणा नहीं की है।
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जिले के सरकार को हर साल भीलवाड़ा का खान विभाग एक हजार करोड़ से ज्यादा का राजस्व देता है। उस मुकाबले सुविधाओं में विस्तार नहीं किया है। एम सेंड पॉलिसी आनी थी लेकिन कुछ नहीं हुआ है। खातेदारी में खान आवंटन नीति में भी असमंजस है। एेसे में बजट में खान उद्यमियों को कोई खास राहत नहीं मिली है। अब सरकार को खान उद्यमियों के लिए कुछ राहत प्रदान करनी चाहिए।
अनिल सोनी, अध्यक्ष भीलवाड़ा माइंस ऑनर एसोसिएशन
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क्वारी लाइसेंस को माइनिंग लीज में मर्ज करने, असिंचित की जगह सिंचित भूमि में भी पट्टे देने संबंधी कई मांगे थी। जिन पर अभी विचार नहीं किया है। सरकार को अब बजट के अतिरिक्त इसमें घोषणा करना जरूरी है।
रामप्रसाद विजय, कार्यालय मंत्री, बिजौलियां खान पत्थर व्यवसायी संघ
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फेल्सपार के ग्रेन, गिट्टी व लंपस पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद चोरी-छिपे माल जा रहा है। गुजरात माल जा रहा है जिससे यहां के उद्योग ठप हो रहे हैं। सरकार को इसमें कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए। सरकार ने भीलवाड़ा में सिरेमिक जोन बनाने की घोषणा तो कर दी लेकिन इस क्षेत्र में कुछ नहीं हुआ है।
शेषकरण शर्मा, अध्यक्ष गंगापुर खनिज उद्योग संघ
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