scriptपुर में उभर आई नए दरारें व शर्ते | New cracks and conditions emerged in Pur | Patrika News

पुर में उभर आई नए दरारें व शर्ते

locationभीलवाड़ाPublished: Oct 15, 2019 09:55:58 pm

अगर सभी पक्ष रजामंद हुए तो पुर नए रूप में नजर आएगा। जिला प्रशासन ने पुर के समीप नई कॉलोनी बसाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए नगर विकास न्यास आटूण व बोरड़ा पंचायत व पुर की ४७९.०८ बीघा जमीन का भू उपयोग परिवर्तन करने की तैयारी में है। इस बीच, पुर के ४०० और मकानों में दरारें आई हैं।

New cracks and conditions emerged in Pur

New cracks and conditions emerged in Pur

पुर में उभर आई नए दरारें व शर्ते


भीलवाड़ा। अगर सभी पक्ष रजामंद हुए तो पुर नए रूप में नजर आएगा। जिला प्रशासन ने पुर के समीप नई कॉलोनी बसाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए नगर विकास न्यास आटूण व बोरड़ा पंचायत व पुर की ४७९.०८ बीघा जमीन का भू उपयोग परिवर्तन करने की तैयारी में है। इस बीच, पुर के ४०० और मकानों में दरारें आई हैं। न्यास की ओर से किए गए सर्वे में यहां के साढ़े चार हजार से अधिक भवनों में दरारें नजर आई। इससे पहले ४१०३ मकान प्रभावित बताए जा रहे थे। उपनगर के ३४१ भवनों को अति जर्जर माना गया है। इसके अलावा १७४६ भवनों के परिवारों को भी राहत दिलाने का प्रस्ताव है। दूसरी तरफ पुर संघर्ष समिति ने भी प्रशासन को एक प्रस्ताव देते हुए पुर से सटे रामप्रसाद लढ़ा नगर व हरदेव जोशी नगर में ही भूखंड दिए जाने की मांग रखी है।
पुर के मकानों में आ रही दरारों ने वहां के बाशिंदों के साथ ही जिला प्रशासन की बैचेनी बढ़ा रखी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत २७ सितम्बर को पुर का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने करीब एक घंटे तक रुककर हालात का जायजा लिया था। गहलोत ने मकानों में दरारों के कारणों की जांच के लिए हाथोंहाथ एक करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने जांच केंद्रीय स्तर की विशेषज्ञ एजेंसियों को सौंपने का निर्णय किया। इधर, भाजपा विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी कलक्ट्रेट के बाहर ४२ दिन से धरने पर बैठे हैं। धरने के समर्थन में भाजपा के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठन आगे आए हैं।
प्रस्तावों पर नहीं बनी बात

मुख्यमंत्री गहलोत के पुर दौरे के बाद जिला प्रशासन ने राज्य सरकार से मशविरा करने के बाद पुर के बाशिन्दों के पुनर्वास को लेकर बड़ा पैकेज घोषित किया है। इसके लिए तीन विकल्प वाला पैकेज पुर संघर्ष समिति के सामने रखा है। हालांकि समिति इस पर रजामंद नहीं हुई है। इधर, प्रशासन पैकेज को अमलीजामा पहनाने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए आवासन मंडल व न्यास की मदद ली जा रही है।
आवासन मंडल पर इनकार का विकल्प
आवासन मंडल की सुवाणा प्रियदर्शी आवासीय योजना व पटेलनगर विस्तार योजना के मकानों में प्रभावित परिवारों के आने से इनकार किए जाने की आशंका को भांपते हुए प्रशासन ने पुर क्षेत्र में ही नई कॉलोनी बसाने की योजना तैयार की है। इसके लिए न्यास पेराफेरी की आटूण व बोरड़ा पंचायतों की ३८०.०८ बीघा एवं पुर की ९९ बीघा जमीन को चिह्नित किया गया है। इसके भू उपयोग परिवर्तन की तैयारी शुरू कर दी गई है।
नए सर्वे में ४०० भवनों में दिखी और दरारें
दरारों सार्वजनिक स्थलों, आवासों में नुकसान के आकलन के लिए प्रशासन ने सार्वजनिक निर्माण विभाग से सर्वे कराया था। सर्वे में ४१०३ स्थलों को प्रभावित माना गया था। प्रशासन ने न्यास के जरिए नए सिरे से सर्वे कराया। इसमें प्रभावित स्थलों की संख्या ४५०० से अधिक हो गई। नुकसान का आंकड़ा भी बढ़ गया। सर्वे में दरारों का कारण पानी की पाइप लाइन वर्षों पुरानी व जर्जर होने, कई हिस्सों में बरसाती व गंदे पानी की उचित निकासी नहीं होना माना गया है।
हो रहा भू उपयोग परिवर्तन

प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए नए आवास बनाने व भूखंड का आवंटन प्रस्तावित है। मास्टरप्लान २०३५ में बोरड़ा व आटूण तथा पुर की ४७९.०८ बीघा भूमि के दर्शित भू उपयोग से आवासीय प्रयोजनार्थ भू उपयोग परिवर्तन करवाया जा रहा है। न्यास की सर्वे रिपोर्ट की भी समीक्षा की जा रही है।
राजेन्द्र भट्ट, न्यास प्रशासक एवं जिला कलक्टर
ओसवाल समाज की बैठक

पुर मे ओसवाल समाज की बैठक नेमीनाथ जैन मंदिर में हुई। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि समाज का कोई परिवार पुर छोड़कर नहीं जाएगा। प्रशासन की ओर से पुर के परिवारों को बाहर विस्थापित करने के पक्ष में नहीं है। बैठक में ओसवाल समाज ने गांव छोड़कर जाने की अफ वाहों का खंडन करते हुए इसे भ्रामक बताया। पुर का संपूर्ण ओसवाल समाज यहां के बाशिंदों के साथ है। दूसरी तरफ पुर के लोग घटारानी गए। यहां पुर की खुशहाली एवं विकास की कामना की गई।
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