भीलवाड़ा। राज्य में कांग्रेस ने सरकार में आने पर बेरोजगार युवकों को ३००० रुपए मासिक व युवतियों को ३५०० रुपए भत्ता देने का वादा किया था लेकिन सत्ता में आने पर नियमों का एेसा जाल बुना कि रोजगारहीन युवा खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। भत्ते के लिए रोजगार कार्यालय में अर्जी देने दो माह बाद नई शर्तों के चलते ५२६० युवकों को आवेदन लौटा दिए गए। कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के अनुसार बीते माह जिले में ५२६० बेरोजगारों ने आवेदन किया। इसके लिए बैंक में खाते भी खुलवाए। सरकार ने फार्म भरवाने के बाद १७ जून को चार नई शर्त जोड़ दी। इससे बेरोजगारों को खासा झटका लगा। जिला रोजगार अधिकारी मुकेश गुर्जर ने बताया कि सरकार की नई शर्त से जून के अंत तक ५२६० फार्म अपात्र पाए गए, जिनको बैक टू सिटीजन कर दिया गया है। नई शर्ते लगाई – आशार्थी जिस उपखंड क्षेत्र का है, दस्तावेज में उसी क्षेत्र की नोटेरी पब्लिक मान्य होगी। – आशार्थी को राशन कार्ड की कॉपी देनी होगी। – चयन होने पर संदेह पर तहसीलदार के माध्यम से प्रार्थी के निवास स्थान की जांच होगी। – बेरोजगार आशार्थी जिला परिषद की मनरेगा योजना में पंजीकृत नहीं होना चाहिए। नोटरी की सील भी वजह गुर्जर ने बताया कि नोटरी पब्लिक की सील गोल होनी चाहिए, तभी आवेदन मान्य होगा। सील ५ सेमी की हो। नाम, क्षेत्र का नाम, रजिस्ट्रेशन संख्या, समय सीमा अंकित हो। आवेदन में यह सब नहीं होने से भी लौटाए गए है।