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मां मेरी गलती क्या थी…अभी तो पूरी आंखें भी नहीं खुली तो आंचल से क्यों कर दिया दूर…

locationभीलवाड़ाPublished: Feb 07, 2018 08:41:11 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

एमजीएच के पालने में नवजात कन्या को छोडक़र परिजन चले गए। चंद मिनट बाद शिशु वार्ड में घण्टी बजी।

bhilwara

newborn girl found

भीलवाड़ा। मुझे दुनिया में आए तीन दिन ही हुए और मां तुने मुझे पराया क्यों कर दिया? आखिर मैंने दुनिया का क्या बिगाड़ा था? क्या मैंने कोई फरमाइश की जो आपने लावारिस छोड़ दिया। मुझे मां के प्यार का हक नहीं देना था तो नौ माह अपनी कोख में क्यों सहेजा। इसी तरह के सवाल तीन दिन में जिंदगी के कड़वे सच से रूबरू हुई महात्मा गांधी अस्पताल के गहन शिशु इकाई में भर्ती शिवी के जेहन में बार-बार उठ रहे होंगे। मंगलवार देर रात को नवजात बेटी को पालने में छोड़ एक मां चली गई।
जानकारी के अनुसार एमजीएच के पालने में नवजात कन्या को छोडक़र परिजन चले गए। चंद मिनट बाद शिशु वार्ड में घण्टी बजी। नर्सिंग कर्मचारी दौडक़र पहुंचे तो कोई नहीं मिला। पालने में तीन दिन की बालिका रोते मिली। उसे गहन शिशु चिकित्सा इकाई में ले जाया गया। वहां सवेरे मेडिकल हुआ। बच्ची का वजन 2 किलो 190 ग्राम है। उसका ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव है। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सुमन त्रिवेदी पहुंची। चिकित्सकों से नवजात की सेहत की जानकारी ली। सोमवार को बच्ची का जन्म होने से समिति ने उसे शिवी नाम
दिया। बच्ची स्वस्थ है। माना जा रहा है कि संतान कन्या होने से परिवार उसे पसंद नहीं करता था। एेसे में उसे पालने में छोड़ा गया। समिति जल्द ही बच्ची को शिशु गृह भेजेगी। जहां से उसके गोद देने की प्रक्रिया शुरू होगी।
चार साल में छोड़े 12 नवजात, इनमें 5 बेटे
एमजीएच में जून-2014 में पालना लगाया गया, तब से इसमें 12 नवजात छोड़े जा
चुके हैं। इनमें सात बेटियों और पांच बेटे शामिल हैं। नवम्बर-2014 में पहला बेटे को रखा गया। अधिकांश को बाल कल्याण समिति ने गोद देने की प्रक्रिया पूरी कर ली। यह बच्चे गोद देने के बाद दूसरे घर में खुशियां बिखेर रहे है।
नहीं होती कानूनी कार्रवाई, दो महीने का इंतजार
पालने में बच्चा छोडऩे पर परिजनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराया जाता। पालने में बच्चा छोडऩे के बाद दो महीने परिजनों का इंतजार किया जाता है। उसके बाद गोद देने की प्रक्रिया शुरू होती है। गोद देने के लिए कमेटी का गठन होता है।

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