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चार साल भी नहीं मिली ५३ लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन

locationभीलवाड़ाPublished: Oct 15, 2019 09:14:58 pm

पूर्ववर्ती भाजपा शासन के दौरान लोकतंत्र सेनानी के नाम से नवाजे गए मीसा बंदियों की पेंशन राज्य सरकार के बंद करने के आदेश से जिले के ५३ मीसा बंदी प्रभावित हुए हैं।

Not even four years, 53 democracy fighters got pension

Not even four years, 53 democracy fighters got pension

चार साल भी नहीं मिली ५३ लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन

भीलवाड़ा। पूर्ववर्ती भाजपा शासन के दौरान लोकतंत्र सेनानी के नाम से नवाजे गए मीसा बंदियों की पेंशन राज्य सरकार के बंद करने के आदेश से जिले के ५३ मीसा बंदी प्रभावित हुए हैं। उन्हें अब तक प्रतिमाह २४ हजार रुपए की पेंशन मिल रही थी। इनमें चार हजार रुपए मेडिकल भत्ता भी शामिल था। जिले में मीसा व डीआईआर श्रेणी में ४५ तथा सीआरपीसी की श्रेणी में आठ जने शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर की पेंशन २०१४ में मंजूर हुई थी और २०१५ से मिलने लगी। नौ जनों को लोकतंत्र सेनानी पेंशन योजना से गत वर्ष जोड़ा गया था।
आत्मघाती व लोकतंत्र के विरुद्ध

लोकतंत्र रक्षा मंच के जिला सचिव रजनीकांत आचार्य ने बताया कि नागरिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए आपातकाल में जो लोकतंत्र सेनानी जेलों में गए, उनको सम्मान स्वरूप यह राशि दी जा रही थी। पेंशन बंद करना आत्मघाती व लोकतंत्र के विरुद्ध निर्णय है। पूर्व में उत्तरप्रदेश में ऐसा ही निर्णय मायावती सरकार ने किया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के बाद सरकार को निर्णय बदलना पड़ा था।
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