scriptअब बिना खौफ दौड़ सकेंगे बजरी से भरे ट्रैक्टर, डम्पर व ट्रोले | Now trolls filled with gravel will be able to run without fear | Patrika News

अब बिना खौफ दौड़ सकेंगे बजरी से भरे ट्रैक्टर, डम्पर व ट्रोले

locationभीलवाड़ाPublished: Nov 12, 2021 08:57:44 am

Submitted by:

Suresh Jain

बजरी पर लगी रोक हटने से भीलवाड़ा की ६ लीजों में होगा खननआम लोगों को मिलेगी राहतअब आधी कीमत में मिल सकेगी बजरीअभी 1000 से 1200 रुपए प्रति टन मिल रही बजरी

अब बिना खौफ दौड़ सकेंगे बजरी से भरे ट्रैक्टर, डम्पर व ट्रोले

अब बिना खौफ दौड़ सकेंगे बजरी से भरे ट्रैक्टर, डम्पर व ट्रोले

भीलवाड़ा .

सुप्रीम कोर्ट की ओर से बजरी पर लगी रोक को हटाने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इस आदेश से भीलवाडा में दो खातेदारी लीज बन्द होगी। वहीं ६ बजरी की लीज पुन: शुरू होने से हर व्यक्ति को फायदा होगा। बजरी पर 17 नवम्बर 2017 से रोक थी। इसके कारण बजरी माफिया पनप गए तथा जो बजरी का ट्रैक्टर 4 से 5 टन 1200 रुपए में आता था, वह अब मात्र 3 टन बजरी 3 हजार रुपए में आने लगा। बजरी से रोक हटने से इसकी कीमत आधी से भी कम होने की उम्मीद की जा रही है। वही खनिज विभाग को लगभग 75 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व रॉयल्टी से मिलेगा।
दो लीज बंद होगी
न्यायालय के आदेश के अनुसार जिले में बजरी के लिए दी गई खातेदारी लीज बंद होगी। इसमें कोटड़ी में लादूलाल जाट तथा जहाजपुर में लक्ष्मण गुर्जर शामिल हैं। हालांकि बजरी इन खातेदारी जमीन के बजाय बनास नदी से आ रही थी। इसका खुलासा 23 अक्टूबर 2020 को सर्वोच्च न्यायालय की ओर से गठित तीन सदस्यीय केन्द्रीय एम्पावर्ड कमेटी (नई दिल्ली) की टीम के पारोली, कोटड़ी क्षेत्र के दौरे के दौरान खातेदारी लीज देखने पर हुआ था।
इन छह लीजों को मिलेगी अनुमति
खनिज विभाग के अनुसार वर्ष 2017 से पहले या बजरी खनन पर रोक से पहले जिले में 7 बजरी की लीजे चल रही थी। इन सातों लीज पर 17 नवम्बर 2017 से रोक लग गई थी। पिछले दिनों सरकार व न्यायालय के आदेश पर राजस्थान में तीन लीजों को चलाने की अनुमति मिली थी। उनमें एक लीज कोटड़ी की शामिल है। यह लीज 13 माह 5 दिन के लिए चालू की गई है। शेष छह लीज सरकार के आदेश जारी होने के साथ ही चालू हो जाएगी। इनमें कुछ लीज जो पहले चल ही थी, उन्हें 13 माह 5 दिन के लिए बजरी खनन की स्वीकृ ति मिलेगी। जबकि जिन्होंने अब तक खनन शुरू नहीं किया लेकिन एग्रीमेन्ट कर रखा है, उसे पांच साल का समय मिलेगा।
यह है छह लीज
तहसील लीजधारक हैक्टेयर
हुरड़ा व मसूदा विक्रमादित्य राठौड़ 544.03
जहाजपुर शेखावत एसोसिएट्स 1299.00
भीलवाड़ा संजयकुमार गर्ग 1947.10
मांडल अभिमन्यू चौधरी 995.00
मांडलगढ़ संजयकुमार गर्ग 1675.85
आसीन्द अभिषेक चौधरी 1207.61
कोटड़ी महेन्द्रसिंह राजावत 1191.37
(नोट कोटड़ी की लीज वर्तमान में चल रही है।)
——
यह रॉयल्टी दर
खनिज विभाग के अनुसार जिले में बजरी की रॉयल्टी दर 57 रुपए प्रति टन है। जबकि लीजधारक रॉयल्टी समेत 425 रुपए टन की दर से कीमत वसूल रहे है।
वैध व अवैध एक सामान दर
शहर में जितने भी सरकारी व गैर सरकारी काम चल रहे हैं, उनमें काम ली जाने वाली बजरी की दर एक समान ली जा रही है। इससे मकान बनाने वाले व सरकारी काम करने वाले ठेकेदारों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा था। वर्तमान में बजरी 1000 से 1200 रुपए प्रति टन की दर से राशि वसूली जा रही है।
इसमें भी होता था खेल
कुछ ठेकेदारों का कहना है कि उनके पास बड़े-बड़े काम होते हैं। कहने को एक डम्पर में बजरी 30 से 32 टन कही जाती थी। जिसकी कीमत 20 हजार से 22 हजार लेते थे। लेकिन रात के समय डम्पर खाली करते समय मात्र 15 टन बजरी ही खाली करते थे। ऐसे में यह बजरी 1350 रुपए टन में पड़ती थी। इसके बाद भी कोई सुनने वाला नहीं था। वही एक ट्रैक्टर बजरी जिसमें मात्र 100 फीट बजरी लाते थे उसकी कीमत 2500 से 3000 रुपए ले रहे हंै। कोठारी नदी की बजरी की कीमत भी 1500 से 2000 रुपए 100 फीट बजरी के ले रहे हैं। जबकि बजरी रोक के पहले डम्पर की कीमत 8000 से 9000 रुपए थी।
आधी कीमत होने की संभावना
एक लीज धारक ने बताया कि बजरी की कीमत रॉयल्टी समेत लगभग 500 रुपए टन से कम हो सकती है। डम्पर की कीमत 12 से 14 हजार हो सकती है। वही ट्रेक्टर भी 1500 रुपए तक मिलने लगेगा। इसके अलावा अब सभी वाहन बिना किसी खोफ के चल सकेंगे तथा बजरी माफियों पर अंकुश लगेगा।
बॉक्स के लिए….
एम्पावर्ड कमेटी को मिली थी केवल लोडिया
सर्वोच्च न्यायालय की ओर से गठित तीन सदस्यीय केन्द्रीय एम्पावर्ड कमेटी (नई दिल्ली) की टीम ने पिछले साल 23 अक्टूबर 2020 को जिले का दौरा किया था। कमेटी को बजरी के स्थान पर केवल लोडिया (पत्थर) पड़ी मिली थी। टीम अध्यक्ष पीवी जयाकृष्णनन, सचिव अमरनाथ सेठी तथा सदस्य महेन्द्र व्यास थे। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता आनन्दसिंह ने बताया कि नदी एकदम खत्म हो गई है। केवल पत्थर को छोड़ा है। याचिकाकर्ता ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष नवीन शर्मा ने बताया कि नदी से बजरी को निकाल लिया गया है। उस समय ही संकेत मिल गए थे कि जल्द ही बजरी पुन: चालू होगी। हालांकि कमेटी की रिपोर्ट न्यायालय में पेश होने तथा पूरी सुनवाई के बाद ही इसका निर्णय गुरुवार को सुनाया गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो