थोक फल विक्रेता ओम प्रकाश टिक्याणी ने बताया कि भीलवाड़ा शहर में महाराष्ट्र से केला व अंगूर, झालारापाटन व भवानी मण्डी से संतरा, गुजरात से पपीता से आ रहा था। इसी प्रकार टमाटर व केरी महाराष्ट व तमिलनाडु्र आलू व प्याज यूपी व महाराष्ट्र से आ रहे थे। जबकि चीकू व सेव हिमाचल व कश्मीर से आ रहे थे। देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से गत दस दिन से सभी फलों की आवक बंद हो गई है। इसी दौरान शुक्रवार को कफ्र्यू लगने से शहर में फलों की बिक्री बंद हो गई । गत छह दिन से मंडी के बंद होने से सारा माल भीलवाड़ा मंडी व निजी गोदामों में अटक गया है। ऐसे में फलों में खराबा होने लगा है।
भीलवाड़ा कृषि उपज मंडी समिति परिसर स्थित फल मण्डी में खराब हो रहे फलों का ढेर इन दिनों बढ़ता जा रहा है। यहां खराब फलों के ढेरे को हटाने के लिए जेसीबी लगाई है। मंडी के फल व्यापारियों की माने तो करीब एक करोड़ रुपए की कीमत के फल अभी तक नष्ट हो चुके है, यदि जिला प्रशासन ने आम जनता के बीच में इन्हें पहुंचाने के लिए पर्याप्त वाहनों की संख्या नही लगाई तो ये नुकसान पांच से दस करोड़ तक पहुंच सकता है। Corona in bhilwara
मंडी लगे खराब फल के ढेर में क्षेत्र के कुछ लोग खुद के साथ ही मवेशियों के लिए अच्छे फल की तलाश का मोह नहीं छोड़ पा रहे है। मंडी प्रशासन व व्यवसासियों की चेतावनी के बावजूद वो खराब फलों के ढेर को खंगाल रहे है। One crore fruit road from the havoc of Corona at bhilwara
कोरोना वायरस के प्रकोप का असर फल मंडी पर भी पड़ा है। शहर में कफ्र्यूं होने एवं मंडी बंद होने से फुटकर व्यापारी व लोग मंडी
तक नहीं पहुंच पा रहे है, इसी कारण फलों में खराब बढ़ रहा है। अब जिला प्रशासन के सहयोग से फलों का वितरण शहर के विभिन्न वार्डों में शुरू किया गया है। शहर में ७० वार्ड है लेकिन अभी ३३ वाहन के जरिए सप्लाई की जा रही। प्रशासन से वाहनों की संख्या बढ़ाने की मांग की है। लेकिन फलों का बड़ा स्टॉक अभी भी कोल्डस्टोरज में है।
चन्द्रप्रकाश चंदवानी, अध्यक्ष, कृषि उपज मंडी फल समिति भीलवाड़ा