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वन नेशन-वन टैक्स, फिर भी मंडी टैक्स

locationभीलवाड़ाPublished: Jan 23, 2020 11:51:07 am

Submitted by:

Suresh Jain

मंडी टैक्स हटे तो व्यापार चले, किसान खुशाल बने
प्री बजट चर्चा

One Nation-One Tax, however Mandi Tax in bhilwara

One Nation-One Tax, however Mandi Tax in bhilwara

भीलवाड़ा।
Pre budget discussion राज्य सरकार की ओर से अगले माह पेश किए जाने वाले बजट को लेकर हर वर्ग कुछ विशेष रियायत व सुविधाएं चाहता है। बजट को लेकर आम लोगों में उत्सुकता रहती है कि हमें क्या मिलेगा। राज्य सरकार के आगामी बजट से व्यापारियों को क्या उम्मीद है, उनकी क्या जरूरतें हैं और कौनसे टैक्स में छूट मिलनी चाहिए आदि मुद्दों पर उनकी राय जानी गई। राजस्थान पत्रिका की ओर से मंगलवार को मंडी परिसर में परिचर्चा में व्यापारियों ने अपनी बात रखी।
संभावना
Pre budget discussion गत बजट में व्यापारियों की झोली खाली रही थी। इस बार राज्य बजट से राहत को लेकर काफी उम्मीद है। मंदी झेल रहे व्यापारियों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को प्राथमिकता में शामिल करते हुए राहत दें। इससे व्यापारी मंदी की स्थिति से उबर सकें। पिछले बजट को लेकर भी कोई बड़ी घोषणा व्यापारी वर्ग के लिए नहीं की गई। इसलिए इस बार उम्मीदें ज्यादा है।
आइना
मंडी में आने वाले किसानों को सुविधा नहीं मिल रही है। किसान अपनी उपज लेकर आता है, लेकिन उसे टैक्स देना पड़ता है। इसके कारण उसे दाम कम मिलते है। सरकार को चाहिए की वे मंडी टैक्स को अन्य राज्यों की तरह राजस्थान से भी हटाए।
अपेक्षा
इस बार फरवरी माह में पेश होने वाले राजस्थान के बजट से किसानों के साथ मंडी व्यापारी को कई अपेक्षाए है। शक्कर व घी मंडी उत्पाद नहीं होने के बाद भी टैक्स वसूला जा रहा है। यह टैक्स समाप्त होने की अपेक्षा है।
मंदी की बात
मंडी टैक्स के कारण मंडी में किसानों की आवक कम हो गई है। किसान पड़ोसी राज्यों की मंडी यानी मध्यप्रदेश जा रहे है। इसके कारण मंडी में ५० प्रतिशत व्यापार कम हो गया तथा सैकड़ों पल्लेदारों को काम नहीं मिल रहा है।
मेरी बात
पड़ोसी राज्यों में मंडी टेक्स समाप्त हो चुका है। राजस्थान में भी कृषि मण्डी टैक्स हटाया जाए। तभी राहत मिलेगी और व्यापार को गति मिलेगी। यह टैक्स व्यापारियों से बेवजह वसूल किया जा रहा है। इससे व्यापारियों के साथ आमजन पर भार पड़ता है।
गणेश आगीवाल, व्यापारी
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राजस्थान के बजट को लेकर आमजन से लेकर व्यापारी तक उम्मीद लगाए हैं। मंडी टेक्स बड़ी समस्या है। इससे भाव का अंतर बढ़ गया है। इस कारण भीलवाड़ा जिले का माल अन्य राज्यों में जा रहा है। वन नेशन वन टैक्स का प्रावधान हो गया तो फिर मंडी टैक्स क्यों? इसे समाप्त करें। रोकड़ी निकासी पर एक करोड़ से अधिक के भुगतान पर दो प्रतिशत की छूट है। किसानों को सीधा भुगतान करते हैं। किसान चैक नहीं लेते है। यह छूट बैंक की मनमानी के कारण नहीं मिल पाता है।
मुरली ईनाणी, अध्यक्ष कृषि खाद्यान्न व्यापार संघ
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मंडी टेक्स कभी १.६० तो कभी २ प्रतिशत लगता है। इससे ४० रुपए क्विंटल से भाव में अंतर आ जाता है। इस कारण किसान मध्यप्रदेश की मंडियों में जा रहे है। इससे कई लोग बेरोजगार हो रहे है। यही माल भीलवाड़ा मंडी या राजस्थान की मंडी में आएगा तो अन्य को भी रोजगार भी मिलेगा।
हेमन्त बाबेल, महामंत्री कृषि खाद्यान्न व्यापार संघ
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कृषि उपज मंडी में कोई भी किसान खाद्यान्न लेकर आता है तो १.६० प्रतिशत मंडी टैक्स लगता है। उसे समाप्त करना चाहिए। सरकार ने फल में मंडी टैक्स को समाप्त कर रखा है। इससे उनका व्यापार अच्छा चल रहा है। इसी प्रकार इसे भी समाप्त करना चाहिए। राजस्थान के अलावा पड़ोसी राज्यों में किसी तरह का मंडी टैक्स नहीं है। व्यापारी सीजन के समय भी आराम से बैठे है। पल्लेदारों को काम नहीं मिल रहा है। ५० प्रतिशत माल की आवक भी नहीं रही है।
शिव गगरानी, पूर्व निदेशक, कृषि उपज मंडी समिति भीलवाड़ा
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कृषि यार्ड में डीएलसी दर कई अधिक है। व्यापारी केवल किसान का माल खरीदने का काम करता है। इस दर को कम करना चाहिए। मध्यम व्यापारी डीएलसी दर पर जमीन खरीदकर व्यापार नहीं कर सकता है। बजट से उम्मीद है कि कृषि व्यापारी के डीएलसी दर की २५ प्रतिशत दर पर जमीन उपलब्ध कराए ताकि वह व्यापार कर सके।
जमनालाल कचौलिया, पूर्व अध्यक्ष कृषि खाद्यान्न व्यापार संघ
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किसानों को नदक राशि मिले। इसके लिए सरकार को कुछ प्रावधान करना चाहिए। मंडी व्यापारी चैक से भुगतान करते हैं। उसे बैंक में लगाने तथा चैक पास होने में कई दिन लग जाते हैं। इससे किसानों को परेशानी उठानी पड़ती है। मंडी टैक्स के कारण किसान भी परेशान है। इसे हटाया जाना चाहिए।
नारायण दरोगा, किसान
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टैक्स समाप्त नहीं होता, तब तक किसान को पूरा पैसा नहीं मिलेगा। चैक से भुगतान करने से कई गांवों में बैंक नहीं है। इसके कारण चैक को खाते में लगाने के लिए अन्य गांव जाना पड़ता है। वह चैक भी पास होने में समय लग जाता है। किसानों को नकद राशि मिले तो उन्हें राहत मिलेगी।
लालचन्द बांगड़, किसान
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शक्कर व घी कृषि उत्पादन नहीं है। इसके बावजूद राजस्थान में टैक्स वसूला जा रहा है। अन्य प्रदेशों में घी व शक्कर पर कोई टैक्स नहीं है। यह टैक्स हटाकर सरकार व्यापारियों के साथ आमजन को राहत प्रदान करें।
राम बिड़ला, पूर्व निदेशक कृषि उपज मंडी समिति
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सरकार जीरा व ईसबगोल पर टैक्स वसूल कर रही है। जबकि यह कृषि उत्पादन नहीं है। इसलिए कृषि मण्डी टैक्स से मुक्त किया जाए। सम्पूर्ण मण्डी कर से मुक्त किया जाए ताकि व्यापारी वर्ग को राहत मिल सके।
महेश बिड़ला, व्यापारी
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कृषि उपज मण्डी आवंटन नीति 2005 में परिवर्तन करते हुए मण्डी में ज्यादा टैक्स अदा करने वाले व्यापारियों के लिए यार्ड में गोदाम की व्यवस्था की जाए। इससे व्यापारी वर्ग को राहत मिलेगी।
महावीर सुराणा, व्यापारी

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