जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएच में प्रतिदिन औसतन ढाई हजार से ज्यादा रोगी पहुंच रहे हैं। यह सामान्य दिनों से 25 फीसदी अधिक है। मरीजों की संख्या अधिक होने से चिकित्सकों को आउटडोर में बैठा दिया ताकि मरीजों को परेशानी न हो। हालांकि सरकारी अस्पतालों में घंटों इंतजार के बाद मरीज का नम्बर आ रहा है। अस्पताल में अधिकांश बेड फुल है। मरीजों को बेड लेने और डायलिसिस के लिए भी मिन्नतें करनी पड़ रही है। इधर, आईएमए के बैनर तले चिकित्सकों ने हड़ताल जारी रखने का निर्णय किया।
डायलिसिस में दिक्कत
सबसे ज्यादा परेशानी किडनी के मरीजों को रही है। नियमित रूप से डायलिसिस करानी पड़ती है। एमजीएच में डायलिसिस के लिए जिले के अलावा आसपास के मरीज भी आते हैं। शहर में चार निजी अस्पतालों में डायलिसिस होती है। निजी अस्पतालों कुछ में डायलिसिस नहीं होने से मरीज एमजीएच आ रहे हैं। ऐसे में अस्पताल के डायलिसिस केन्द्र पर मरीजों की वेटिंग लंबी हो गई। वहीं सेंट्रल लैब,एक्सरे व ईसीजी की संख्या बढ़ गई है। अस्पताल की ओपीडी 25 प्रतिशत बढ़ने से मरीजों को घंटों इंतजार के बाद भी उपचार नहीं मिल पा रहा है।