महात्मा गांधी अस्पताल के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय (एमसीएच) में इलाज को आई महिलाओं से ठगी के की घटनाएं रूक नहीं रही। एमसीएच में गुरुवार दोपहर सास-बहू से सोनोग्राफी कराने के नाम पर ठगी हो गई। महिला बहू के एक लाख रुपए के गहने खुलवाकर ले गई। पता चलने पर अस्पताल प्रशासन और पुलिस में हड़कम्प मच गया। संदिग्ध महिला की तलाश भी की, लेकिन पता नहीं चला। इस सम्बंध में भीमगंज थाने में रिपोर्ट दी गई।
जानकारी के अनुसार भगवानपुरा की तारा खारोल तबीयत खराब होने पर सास मोहनी देवी के साथ एमसीएच पहुंची। वहां काउंटर पर एक महिला मिली, जिसने कहा कि बहू की सोनोग्राफी करानी पड़ेगी, तभी बीमारी का पता चलेगा। वह जल्दी सोनोग्राफी करने की बात कहकर सास-बहू को एक कमरे में ले जाने लगी। सास को बाहर खड़ा कर दिया। बहू तारा को अंदर ले जाने के बाद कहा कि सोनोग्राफी रूम में गहने नहीं ले जा सकते इसलिए यह खोल दे। तारा को साथ लेकर बाहर आई और मोहनी के हाथ से बैग लेकर उसमें तारा से खुलवाए मांदलिया, रामनामी रखवा दिए। तारा को सोनोग्राफी कराने कमरे में भेज दिया।
गहने निकाल सास को थमाया बैग ठग महिला वापस बाहर आई और सास मोहनी से कहा कि उसकी भी सोनोग्राफी होगी। मोहनी ने मना किया तो जबरन अंदर ले गई और लघुशंका करने भेज दिया। मोहनी गहने रखे बैग ठग महिला को देकर चली गई। पीछे से महिला ने गहने निकाल लिए और कुछ देर बाद लौटी मोहनी को बैग पकड़ा दिया। कुछ देर में वापस आने की कहकर चली गई। काफी देर तक नहीं लौटी तो मोहनी को शक हुआ। उसने बैग संभाला तो गहने नहीं मिले। उसने सोनोग्राफी रूम में बहू तारा को इस बारे में बताया। अस्पताल प्रशासन को घटना की जानकारी दी। अस्पताल चौकी पुलिस और भीमगंज थानाप्रभारी सतीशचन्द्र पहुंचे।
पुलिस काम कर रही न निजी गार्ड
अस्पताल की पुलिस चौकी में एएसआइ स्तर का अधिकारी लगा है। पुलिसकर्मी २४ घंटे बारी-बारी ड्यूटी देते हैं। फिर भी ठगी और चोरों के हौसले बुलंद है। पुलिसकर्मी अस्पताल में आने वाले घायल और मृत व्यक्तियों के बारे में कंट्रोल रूम को सूचना भर ही देते हैं। परिसर में गश्त जैसे काम से दूर रहते हैं। वहीं अस्पताल प्रशासन ने एमजीएच और एमसीएच में निजी सुरक्षाकर्मी लगा रखे है। हर माह इनकी पगार पर अच्छा खास खर्चा किया जाता है। फिर भी मरीज ठगी और चोरी के शिकार हो रहे हैं। इधर, पीएमओ डॉ. अरुण गौड़ ने अस्पताल में सीसी कैमरे लगाने की बात कही थी लेकिन अब तक फाइल ही आगे नहीं बढ़ी।
अस्पताल की पुलिस चौकी में एएसआइ स्तर का अधिकारी लगा है। पुलिसकर्मी २४ घंटे बारी-बारी ड्यूटी देते हैं। फिर भी ठगी और चोरों के हौसले बुलंद है। पुलिसकर्मी अस्पताल में आने वाले घायल और मृत व्यक्तियों के बारे में कंट्रोल रूम को सूचना भर ही देते हैं। परिसर में गश्त जैसे काम से दूर रहते हैं। वहीं अस्पताल प्रशासन ने एमजीएच और एमसीएच में निजी सुरक्षाकर्मी लगा रखे है। हर माह इनकी पगार पर अच्छा खास खर्चा किया जाता है। फिर भी मरीज ठगी और चोरी के शिकार हो रहे हैं। इधर, पीएमओ डॉ. अरुण गौड़ ने अस्पताल में सीसी कैमरे लगाने की बात कही थी लेकिन अब तक फाइल ही आगे नहीं बढ़ी।