
खेतों में लहलहाता अफीम का पौध
अमरगढ़. (भीलवाड़ा)। खेतों में इन दिनों काला सोना (अफीम) की पौध उग गए है। एक-दो पिलाई के बाद काला सोना लहलहाने लगेगा। जहाजपुर उपखण्ड में इस बार 200 से अधिक काश्तकारों को अफीम की खेती के लिए पट्टे दिए गए हैं। इसमें इस वर्ष 25 नए पट्टे जारी हुए। पौध निकलने के बाद केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम खेतों में पट्टों की जांच करेगी। खेत में अफीम बोने के दो माह बाद फूल आ जाएंगे। यह फूल 15 से 20 दिन में डोड़े बन जाते हैं। किसानों ने नवंबर माह के अंत में बुआई की है।
अफीम की फसल की सुरक्षा में किसान तरह-तरह के जतन करते हैं। रोजड़ों और जंगली सूअर से फसल बचाने के लिए किसान लोहे की जालियों के साथ ही बाड़ लगाकर फसल को ढक देते हैं। सुरक्षा के लिए खेतों में ही अपना डेरा जमा लेते हैं। खेतों में काला सोना का पौधा अंकुरित हो रहा है। करीब एक फीट की पौध बढ़ने पर किसान खेतों की रखवाली के लिए डेरा डाल देंगे। नई अफीम नीति के अनुसार सभी किसानों को समान रूप से 10-10 आरी के पट्टे मिले हैं।
Published on:
05 Dec 2024 09:57 pm
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