राजस्थान पत्रिका ने 17 जुलाई 2021 के अंक में ‘पचास हजार दो और जमीन पर कब्जा लोÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर नव गठित गठिला खेड़ा में फर्जी तरीके से पूर्व में आवंटित जमीनों पर नए सिरे से कब्जे दिलाने के नाम पर लोगों से पचास-पचास हजार रुपए वसूले जाने का खुलासा किया था।
इसमें खुलासा किया था नवगठित गठिला खेड़ा पंचायत का राजस्व रिकार्ड अभी भी आटूण ग्राम पंचायत में दर्ज है, आटूण ग्राम पंचायत में राजस्व रिकार्ड दर्ज होने से नई पंचायत गठिला खेड़ा का बीड का खेडा की आराजी संख्या ४१७-१,४१७-२, ४१७-३, ४१८, ४१९, ४२०, ४२१-२,३ व ४ का राजस्व रिकार्ड भी आटूण में है, उक्त जमीन का समूचा राजस्व रिकार्ड आटूण में होने और उक्त जमीन का अधिकांश राजस्व रिकार्ड इधर, उधर होने से एक जमीन के एक से अधिक पट्टे जारी होने एवं फर्जी कब्जों का खेल हो रहा है।
सीईओ के जिम्मे थी जांच पत्रिका के खुलासे के बाद जिला कलक्टर शिव प्रसाद नकाते ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामचन्द्र बैरवा को सौंपी थी, लेकिन यह जांच बाद में संबंधितों के तबादला होने से ठंडे बस्ते में बंध गई। ऐसे में विवाद के दायरे में आई आराजी में अब धड़ल्ले से कब्जे व अवैध निर्माण हो रहे है। Orders for administrative inquiry, then investigation in cold storage at bhilwara
कोर्ट का स्टे, फिर भी निर्माण परिवादी मुरली विलास रोड निवासी अनिल गग्गड ने इस संदर्भ में जिला परिषद, प्रशासन व ग्राम पंचायत को शिकायत की है। गग्गड का कहना है कि उक्त आराजी में उन्हें भी भूखंड आवंटित है और ग्राम पंचायत ने पट्टे दे रखे है, इसके बावजूद उनकी जमीनों पर भूखंड आवंटन अन्य को किया गया और अभी निर्माण कार्य हो रहा है। जबकि इस संदर्भ में कोर्ट से भी स्टे है, हालांकि सरपंच रेखा बलाई ने ऐसे आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है कि पंचायत स्तर पर किसी को भी कोई जमीन आवंटित नहीं की जा रही है। Orders for administrative inquiry, then investigation in cold storage at bhilwara