READ: एक तरफ वेद मंत्रों की गूंज तो दूसरी तरफ पढ़े कलमें, सांप्रदायिक सौहार्द्र की अनूठी मिसाल जो आपने कहीं नहीं देखी होगी अस्पताल में जल्द ही आईसीयू, मेल मेडिकल, फिमेल मेडिकल, मेल सर्जिकल, फिमेल सर्जिकल, ट्रोमा वार्ड में तय बेड पर इस सुविधा को शुरू करने के उपकरण लगा दिए जाएंगे। यह काम पूरा होते ही ऑक्सीजन का प्लान्ट स्थापित कर दिया जाएगा। सभी वार्डों में यह सुविधा होने पर आईसीयू व सीसीयू में भी मरीजों का भार कम होगा।
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अभी ऑक्सीजन की लाइन नहीं होने से कई बार मरीजों की सांसें अटकने की स्थिति पैदा हो जाती है। मरीज को तुरन्त ऑक्सीजन की जरूरत होती है और वहां सिलेण्डर में गैस नहीं होती है। कुछ माह पूर्व ही एक मरीज को ऑक्सीजन के सिलेण्डर खाली होने से काफी समय तक तड़पना पड़ा।
अभी ऑक्सीजन की लाइन नहीं होने से कई बार मरीजों की सांसें अटकने की स्थिति पैदा हो जाती है। मरीज को तुरन्त ऑक्सीजन की जरूरत होती है और वहां सिलेण्डर में गैस नहीं होती है। कुछ माह पूर्व ही एक मरीज को ऑक्सीजन के सिलेण्डर खाली होने से काफी समय तक तड़पना पड़ा।
‘इनका कहना है’
मेडिकल कॉलेज का अंग बनने के बाद अस्पताल में सुविधाआें का विस्तार तेजी से हो रहा है। इसी क्रम में ऑक्सीजन की लाइन डालने का काम ८-९ माह से चल रहा था, जो अब लगभग पूरा हो गया है। सभी वार्डों में उपकरण लगाने की तैयारियां है। इसके बाद ऑक्सीजन प्लान्ट लगते ही मरीजों को बेड पर ही ऑक्सीजन मिल सकेगी और कर्मचारियों को भी सिलेण्डर लाने ले जाने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी।
मेडिकल कॉलेज का अंग बनने के बाद अस्पताल में सुविधाआें का विस्तार तेजी से हो रहा है। इसी क्रम में ऑक्सीजन की लाइन डालने का काम ८-९ माह से चल रहा था, जो अब लगभग पूरा हो गया है। सभी वार्डों में उपकरण लगाने की तैयारियां है। इसके बाद ऑक्सीजन प्लान्ट लगते ही मरीजों को बेड पर ही ऑक्सीजन मिल सकेगी और कर्मचारियों को भी सिलेण्डर लाने ले जाने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी।
डॉ. एसपी आगीवाल, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, महात्मा गांधी चिकित्सालय