चित्तौडग़ढ़। करीब दो माह बाद एक बार फिर चित्तौडग़ढ़ शहर में गुरूवार को पैंथर नजर आया। जंगल से निकलकर पैंथर इस बार मीरानगर क्षेत्र में नहीं बल्कि कुंभानगर क्षेत्र के करणीमाता खेड़ा में पहुंचा।
माना जा रहा तड़के करीब ३ बजे पैंथर उस क्षेत्र में आ गया। उसके बार में पता सबसे पहले सुबह करीब ६ बजे उस समय चला जब किसी व्यक्ति ने पड़ौसी की छत पर उसे बैठे देखा।
इसके बाद जो शोर मचा वे सुबह करीब 10.30 बजे पैंथर को ट्रेंक्यूलाइज कर जाल में कैद कर लेने पर ही थमा। इस दौरान पैंथर एक से दूसरी गली में भागता रहा तो पीछे पुलिस व वन विभाग की टीमे उसे पकडऩे के लिए दौड़ती रही। लोग घरों की छतों पर जमा होकर पैंथर की झलक पाने का प्रयास करते रहे।
एक खाली भूखंड में छिपे पैंथर को उदयपुर से आए शूटर सतनामसिंह ने ट्रेंक्यूलाइज किया उसके बाद क्षेत्रवासियों और अधिकारियों ने राहत की सांस ली। पैंथर को ट्रेंक्यूलाइज करने के आधे घंटे बाद जाल के सहारे कैद कर पिंजरे में रखकर वनविभाग की गाड़ी से बस्सी ले जाया गया।
पैंथर को शाम को बस्सी क्षेत्र के जंगल में छोड़ दिया गया। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि गुरुवार तड़के करीब दो-तीन बजे कुछ लोगों ने धनेत पुलिया पर भी इसकी झलक देखी थी। करणी माता खेड़ा निवासी बाबूलाल शर्मा ने सुबह करीब पौने छह बजे एक मकान की छत पर जानवर देखा जो पैंथर सा प्रतीत हुआ तो मोहल्लेवासियों को सूचना दी। इसके बाद शोर मचा तो पैंथर वहां से निकल कर सड़क पर आ गया एवं अन्य मकान के गलियारे में छिप गया।
सूचना मिलने पर वनकर्मी मौके पर पहुंचे। वनकर्मी जाल व पलंग की सहायता से उस मकान के कमरें तक पहुंचे लेकिन वहां पर जंगली जानवर के नहीं मिला। इसके बाद छत भी तलाशी गई। करीब एक घंटे बाद एक मकान के गलियारे में बैठे जंगली जानवर के पैंथर होने की पुष्टि वन विभाग की टीम ने कर दी। इस दौरान डीफओ शिवशंकर पाठक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपिन शर्मा, डिप्टी ऋषिकेश मीणा, सदरथानाधिकारी नवनीत व्यास, एसडीएम विनोद कुमार, सहायक वन संरक्षक बस्सी जेपी दहिया, वन्यकर्मी सलीम शेख सहित कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।