जानकारी के अनुसार जालरा गांव में बीती रात तीसरे पहर गांव के बीचोंबीच जग्गू गुर्जर के बाडे में बकरियों के झुंड पर हमला कर पेंथर ने चार बकरियों को अपना शिकार बना लिया। गांव के पूर्व सैनिक महेंद्र सिंह, नारायण लाल व देवीलाल गुर्जर ने बताया कि गुरुवार को तड़के तीन बजे पैंथर कूदकर जग्गू गुर्जर के बाड़े में घुस गया तथा बकरियों पर हमला बोल दिया। इस बीच बकरियों की चिल्लाहट सुनकर जग्गू गुर्जर घबराकर उठा। तब तक बकरी और पेंथर जंगल की ओर दौड़ लगा रहे थे। कुछ दूरी तक वह भी दौड़ा। लेकिन पेंथर की दहाड़ से घबराकर वापस घर आ गया।
इस बीच गांव वाले भी जाग गए। बकरियां कूदकर जंगल की ओर भागने लगी। भागती हुई बकरियों के पीछे दौड़कर पेंथर ने नारायण गुर्जर के खेत के पास दूसरी बकरी को अपना शिकार बनाया। कुछ दूरी पर भैरु गुर्जर के खेत में तीसरी बकरी को आधा हिस्सा खाकर एक अन्य चौथी बकरी को आंसू गुर्जर के खेत के रास्ते में गला दबाकर चलता बना। इस घटना को लेकर क्षेत्र में भय का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि गत एक साल से पेंथर गांव में घुसकर मवेशियों को उठा ले जाता है।
इन परिवारों के पशुधन बने पेंथर का शिकार भगवान दास पुत्र पूरण दास के बाड़े में लगभग एक माह पूर्व बछड़े को बनाया शिकार। जगदीश दास पुत्र हनुमान दास के बाडे में बंधी बकरी को भी कुछ माह पहले अपना भोजन बनाया। सात आठ माह पूर्व नंदा पुत्र धन्ना गुर्जर के यहां व 7 -8 महीने पहले बछड़े का शिकार किया। इसी प्रकार गांव की शायरी पत्नी गिरधारी बलाई की बकरियां भी उठाकर ले गया । ग्रामीणों ने बताया चार पांच महीने पूर्व सुरजा धन्ना गुर्जर की बकरियां भी पैंथर की शिकार हुई ।
मौके से उठाए पगमार्क आसींद वन विभाग के चिकित्सक सलीम मोहम्मद ने टीम सहित पहुंचकर मौका मुआयना कर पंचनामा तैयार कर मौके पर पगमार्क उठाए। मेडिकल रिपोर्ट तैयार की उन्होंने बताया कि सुरक्षा को लेकर यहां पर स्थाई रूप से पिंजरा लगाएंगे।