उपवन संरक्षक ज्ञानचंद ने बताया कि जिले में पैंथर के संरक्षण के लिए वन सुरक्षा समितियों की ओर से विशेष कार्य किए जाएंगे, ताकि पैंथर को प्यास बुझाने के लिए आबादी क्षेत्र में नहीं आना पड़े। पैंथर की मौजूदगी वाले क्षेत्रों में लोगों को सतर्क व सुरक्षित करने के प्रयास होंगे।
वन क्षेत्र में जलस्रोत ठीक कराने, टांकों को पानी से लबालब रखने, सुरक्षा दीवार बनाने के कार्य विभागीय बजट के साथ ही वन सुरक्षा समिति व जनसहयोग से किया जाएगा। जिले में इस बार वन्यजीव गणना से दो दिन पहले बारिश होने से भी विभागीय वाटर ***** तक कई वन्यजीव नहीं पहुंच पाए। यही कारण है कि मोर एवं नीलगाय का कुनबा बढऩे के बावजूद गणना के आंकड़ों में नहीं आ सके।