शंख बजाने से मजबूत होते हैं फेफड़े, बढ़ता है ऑक्सीजन लेवल
भीलवाड़ाPublished: Jun 22, 2021 09:50:56 am
शंख बजाना भी योग
शंख बजाने से मजबूत होते हैं फेफड़े, बढ़ता है ऑक्सीजन लेवल
भीलवाड़ा।
कोरोना महामारी के चलते भीलवाड़ा के कई परिवार स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं। वे फेफड़ों को मजबूत करने के लिए शंख बजाना सीख रहे है। कोरोना के कारण फेफड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। संक्रमण के कारण शरीर में आक्सीजन की कमी होने से फेफड़े कमजोर हो रहे हैं। इन्हें दुरुस्त रखने के लिए दवाओं के साथ शंख बजाने की आदत कारगर साबित हो रही है। कोरोना से स्वस्थ हुए मरीजों को योग थेरेपिस्ट शंख बजाना और योग के जरिए स्वस्थ रहने के गुर बता रहे हैं। ऐसे रोगियों को शंख बजाने की थेरेपी कराई जा रही है।
इसका वैज्ञानिक महत्व भी
शंख बजाना सिर्फ धार्मिक कार्य से ही नहीं जुड़ा हुआ है, इसका वैज्ञानिक महत्व भी हैं। यह कोरोना काल में छाती के व्यायाम के लिए कारगर है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होती। योग चिकित्सा में भी शंख को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है।
आरसी व्यास कॉलोनी निवासी सुनील जागेटिया ने बताया कि इन दिनों घरों में शंख बजाने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। लोग पूजा और आरती के दौरान ही नहीं खाली समय में भी शंख बजाकर व्यायाम कर रहे हैं। रोजाना शंख बजाने से मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। शंख बजाना मूत्रमार्ग, मूत्राशय, पेट के निचले हिस्से, डायफ्राम, छाती और गर्दन की मांसपेशियों के लिए काफी बेहतर है। शंख बजाने से इन अंगों का व्यायाम हो जाता है। यही नहीं शंख बजाने से श्वांस लेने की क्षमता में सुधार होता है। इससे हमारी थायरॉयड ग्रंथियों और स्वर यंत्र का व्यायाम होता है। शंख में कैल्शियम होता है। शंख बजाने से तनाव भी दूर होता है और दिल के दौरे से भी बच सकते है। इससे योग की तीन क्रियाएं कुम्भक, रेचक, प्राणायाम भी होता है। शंख बजाने से चेहरे, श्वसन प्रणाली, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों की एक्सरसाइज होती है।