READ: केन्द्र ने आय छुपाने वालों पर फिर से कसा शिकंजा , वाहन पंजीयन में पेनकार्ड अनिवार्य संयोजक पार्षद शंकर जाट ने बताया कि सम्मेलन में हास्य-व्यंग्यकार राजेन्द्र शर्मा ने अपनी रचना ‘अच्छे दिन का एकमात्र उपाय मोदी जी को राष्ट्रपति बना दो और भारत में राष्ट्रपति शासन लगा दो ने खूब तारीफ बटोरी। कवि हेमन्त हितैषी की रचना हास्य और श्रृंगार की फुहार ‘कैसे बरसाऊं सीने में मचल रहा दर्द मेरे देश का, नाडिय़ों में रक्त नहीं राष्ट्र भक्ति दौड़ती है, रक्त से ही सिचूंगा आंचल मेरे देश का।
READ: इस दिग्गज भाजपा नेता का बेटा भी सूदखोरों के चंगुल में, सूदखोर लगातार दे रहे हैं जान से मारने की धमकियां, सीएम से लगाई सुरक्षा की गुहार त्याग बलिदान की तमन्ना लेकर आया हूं मैं, मिटने न दूंगा स्वाभिमान मेरे देश का ने श्रोताओं के मन में देश के लिए कुछ कर गुजरने का भाव जागृत किया। कवि मेघ श्याम मेघ ने अपनी रचना ‘कारे-कारे केश कोरे, गोरे-गोरे गाल कोरे, मुख है या चांद की चकोरी कोरी-कोरी है ने भी कवि सम्मेलन को परवान चढ़ाया। कवि दीपक पारीक, कवयित्री सुमित्रा सरल ने भी अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज सुधार का संदेश दिया। राजस्थानी गीतकार कवि राजकुमार बादल ने ‘भाटो सरग पे फांक ने माथा पे झेलग्या कश्मीर को, जद सीन खतरनाक हो गयो महबूब को महबूबा सूं तलाक हो गयो गठजोड़ को सुनाकर वर्तमान स्थिति पर व्यंग्य कसा। हास्य व्यंग्यकार कवि शांति तूफान ने कश्मीर मसले पर रचना पेश कर खूब दाद बटोरी। कवि सम्मेलन का संचालन राजेन्द्र शर्मा ने किया। सम्मेलन में शहर सहित आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग आए।