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जहरीला दाना डालकर 11 मोरों व दो तीतरों की हत्या

locationभीलवाड़ाPublished: Jan 18, 2018 11:53:31 pm

Submitted by:

tej narayan

असामाजिक तत्वों ने चांवडिया के पास 11 मोरों को जहरीला दाना डालकर मौत के घाट उतार दिया

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एक दिन पहले शहर को पक्षी संरक्षण का संदेश दिया और दूसरे ही दिन असामाजिक तत्वों ने चांवडिया के पास 11 मोरों को जहरीला दाना डालकर मौत के घाट उतार दिया। इसमें दो तीतर भी मारे गए है।

भीलवाड़ा।

एक दिन पहले शहर को पक्षी संरक्षण का संदेश दिया और दूसरे ही दिन असामाजिक तत्वों ने चांवडिया के पास 11 मोरों को जहरीला दाना डालकर मौत के घाट उतार दिया। इसमें दो तीतर भी मारे गए है। जानकारी के अनुसार, कोटा रोड पर ही तिजारा होटल के आसपास खाली पड़ी जमीन पर मरे हुए मोर दिखाई दिए। यह मोर भी चावंडिया गए छात्र शुभम ओझा व शंकरलाल को दिखे।
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उन्होंने इसकी जानकारी एमएलवी कॉलेज में प्राणीशास्त्र विभाग के प्राध्यापक डॉ. अनिल त्रिपाठी व जलधारा विकास संस्थान के अध्यक्ष महेश नवहाल को दी। इस पर दोनों ने इसकी सूचना वन विभाग व पुलिस को दी है। घटनास्थल पर देखा गया है कि मोरों को जहरीली वस्तु डाली गई है क्योंकि उनके मुंह से किसी तरह का केमिकल भी निकल रहा है। वन विभाग की टीम ने भी पहुंचकर कार्रवाई शुरू की है।
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सात वर्ष की है सजा का प्रावधान

पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने बताया कि मोर प्रथम अनुसूची का पक्षी है। इसकी हत्या वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 में दंडनीय अपराध है। यह गैर जमानती है। इसकी हत्या पर सात वर्ष तक की सजा व 50 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि यह पुलिस व वन विभाग की लापरवाही से हुआ है। कारण है कि अब तक जो मोरों की हत्याएं हुई है, इसमें एक में भी सजा नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस थाने में एफआईआर कराई जाएगी।
अपहृत युवक छह दिन बाद चित्तौडग़ढ़ मिला

नाता राशि को लेकर अपहृत हुआ युवक छह दिन बाद चित्तौडग़ढ़ में मिल गया। अपहरणकर्ता चित्तौडग़ढ़ में बाइपास पर छोड़कर भाग गए। युवक ने अपहरकर्ताओं द्वारा मारपीट करने से इनकार कर दिया। उसका कहना था कि अपहरणकर्ता उसे इधर-उधर घूमाते रहे। वहीं अपहरण के समय उसके पास चार लाख रुपए होने की बात भी गलत है। बीगोद थाना पुलिस ने मेडिकल करवाने के बाद युवक को परिजनों के साथ भेज दिया।

थानाप्रभारी तुलसीराम प्रजापत के अनुसार गत 14 जनवरी को दोवनी निवासी शंकर गुर्जर ने मामला दर्ज कराया था। परिवादी ने आरोप लगाया कि उसका समधी मण्डोता (कोटड़ी) निवासी लादूलाल गुर्जर झगड़े की राशि देने चार लाख रुपए लेकर पैदल जा रहा था। रास्ते में जीप लेकर आए चांदगढ़ निवासी खाना गुर्जर, देबीलाल गुर्जर समेत कुछ लोग मारपीट कर अपहरण कर ले गए। पुलिस छह दिनों से लादूलाल की तलाश कर रही थी। इस बीच उसके चित्तौडग़ढ़ में बाइपास पर होने की जानकारी सामने आई। इस पर पुलिस दल वहां से उसे लेकर आए। इससे पहले पुलिस ने लादू की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दी। थाने पहुंचने के बाद लादू ने अपहरणकर्ताओं द्वारा मारपीट करने से इनकार कर दिया। उसने कहना था कि उसके पास चार लाख रुपए भी नहीं थे। अल्बत्ता अपहरण के बाद आरोपित इधर-उधर घूमाते रहे। बाद में चित्तौडग़ढ़ बाइपास पर छोड़ गए।
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