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दूषित पानी छोड़ने वाले प्रोसेस हाउसों की होगी जांच

वन मंत्री शर्मा ने कलक्टर की अध्यक्षता में बनाई चार सदस्यों की कमेटी

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वन मंत्री शर्मा ने कलक्टर की अध्यक्षता में बनाई चार सदस्यों की कमेटी

वन मंत्री शर्मा ने कलक्टर की अध्यक्षता में बनाई चार सदस्यों की कमेटी

Bhilwara news: प्रोसेस हाउसों की ओर से बरसात के दिनों में चोरी छुपे दूषित व केमिकलयुक्त पानी छोड़ने का मामला विधानसभा में उठाया गया। मामले में वन मंत्री संजय शर्मा ने मांडल विधायक उदयलाल भडाणा के सवाल के जवाब में कहा कि यह समस्या भीलवाड़ा की ही नहीं बल्कि पाली, भिवाड़ी, लूणी नदी व राजसमंद के सदस्यों की समस्या है। राजस्थान में इस व्यवसाय से जुड़े उद्योग बरसात की आड़ में पानी छोड़ते है। इनके खिलाफ विभाग समय-समय पर कार्रवाई कर रहा है। भडाणा ने आरोप लगाया कि दूषित पानी छोड़ने से किसानों की उपजाऊ भूमि बंजर हो रही है। मंत्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की ओर से सभी कपडा उद्योगों को शून्य जल निस्त्राव की शर्त पर ही उद्योग चलाने की अनुमति देता है। फिर भी कोई काला व दूषित पानी छोड़ता है कि उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

वन मंत्री संजय शर्मा ने सदन में घोषणा की है कि भीलवाड़ा की औद्योगिक इकाइयों की जो प्रदूषण की समस्या है, विशेष रूप से कपड़ा प्रोसेसिंग यूनिट है जो पानी छोड़ते हैं, उसको लेकर कलक्टर की अध्यक्षता में चार सदस्यों की समिति का गठन किया जाएगा। समिति में कलक्टर के अलावा राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल भीलवाड़ा के क्षेत्रीय अधिकारी, जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारी एवं कृषि विभाग के जिला अधिकारी को शामिल किया जाएगा। समिति जनप्रतिनिधियों से बात भी करेगी, उनके सुझाव भी लेगी की किस प्रकार से प्रदूषण को रोका जाए। उसके बावजूद भी उद्योग में प्रदूषण की समस्या को लेकर दोषी पाया गया तो उस उद्योग के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करेगी।

पत्रिका ने उठाया मुद्दा

प्रोसेस हाउस संचालकों की ओर से बरसात के दिनों में दूषित पानी छोड़ने के मामले को राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया है। इसे लेकर 17 प्रोसेस हाउस संचालकों पर जुर्माना भी लगाया है। जीरो डिस्चार्च नियमों की पालना नहीं करने पर ढाई साल में 1.15 करोड़ जुर्माना लगाया है। रौनक प्रोसेस के खिलाफ एसीजेएम कोर्ट में वाद कर रखा है। प्रोसेस हाउस संचालक दूषित पानी छोड़ने की शिकायत पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से गुवारडी नाले के आसपास 16 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए थे। लेकिन अधिकारी भी प्रोसेस हाउस संचालकों की गड़बड़ी की अनदेखी करते हैं।